चंडीगढ़: अपने जमाने के दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह का शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया जिसके साथ ही स्वतंत्र भारत में ट्रैक स्पर्धाओं में कई नये कीर्तिमान स्थापित करने वाले एक युग का अंत हो गया। मिल्खा सिंह 91 वर्ष के थे। उन्हें परिवार के सदस्यों तथा खेल मंत्री कीरेन रीजीजू सहित कई हस्तियों की मौजूदगी में अश्रूपूरित विदाई दी गयी। ‘उड़न सिख’ के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह का कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं के कारण शुक्रवार की रात को निधन हो गया था। उनके पुत्र और स्टार गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी।
पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी पी सिंह बडनोर, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. जगत राम भी मिल्खा सिंह के अंतिम संस्कार में उपस्थित थे। मिल्खा सिंह इसी अस्पताल में भर्ती थे। इस महान धावक के सम्मान में पुलिस दल ने अपने हथियारों को उल्टा किया। मिल्खा को तोपों की सलामी भी दी गयी।
इससे पहले मिल्खा के सेक्टर – आठ स्थित आवास से इस महान एथलीट की अंतिम यात्रा शुरू हुई। उनके शव को एक वाहन में ले जाया और सेक्टर – 25 स्थित शवदाह गृह पहुंचने तक आम लोगों ने भी उन्हें अंतिम विदाई दी। रीजीजू ने मिल्खा सिंह के अंतिम संस्कार के बाद पत्रकारों से उनकी एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने की आखिरी इच्छा के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘आज मिल्खा जी हमारे साथ नहीं है लेकिन हमें उनकी इच्छा पूरी करनी है। उन्होंने बड़ा संदेश छोड़ा है।’
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