नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी का सामना करने के लिए बनाए गए पीएम केयर्स फंड पर विवाद जारी है । एक आरटीआई के जरिए फंड में दी गई रकम का खुलासा करने से पीएमओ ने इनकार करने के बाद इस फंड की ऑडिट की मांग को भी कोर्ट ने रद्द कर दिया। अब इस मामले में एक और विवाद जुड़ा है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसके पास सार्वजनिक हित के लिए पीएम केयर्स फंड में विदेशी चंदा दान करने वाले गैर-राजनीतिक संगठनों को FCRA के नियमों से छूट देने का हक है।

सांसद ने दी है ताक़त
गृह मंत्रालय के मुताबिक, संसद ने यह ताकत दी है कि वह किसी भी गैर-राजनीतिक संस्था या एसोसिएशन को विदेशी चंदे के जरिए योगदान करने पर छूट दे सके। इन्हीं ताकतों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र ने जून 2011 में एक आदेश पारित किया था, जिसके तहत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) को भी FCRA के नियमों में छूट दी गई थी। इसी तरह पीएम केयर्स फंड को भी केंद्र सरकार के 28 मार्च 2020 के आदेश के तहत विदेशी चंदे के नियमों से छूट दी गई है।

छह अन्य संस्थाओं को भी छूट
द हिंदू अखबार के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि पीएम केयर्स फंड के अलावा छह अन्य संस्थाओं को भी FCRA के नियमों में छूट दी गई है। इनमें ओवरसीज इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन और भारत के वीर जैसे फंड्स शामिल हैं।

निजी ट्रस्ट को एफसीआरए में छूट कैसे?
दरअसल, गृह मंत्रालय ने जून 2011 में एक आदेश जारी कर कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बनाए कानूनों के आधार पर जिन संगठनों की स्थापना की गई है, और जो सीएजी के तहत आते हैं, उन्हें FCRA से छूट मिल सकती है। हालांकि, पीएम केयर्स फंड सीएजी के तहत नहीं आता। सरकार का कहना है कि पीएम केयर्स फंड निजी ट्रस्ट है और इसमें सरकार का पैसा नहीं आता, इसलिए इसका ऑडिट भी नहीं किया जा सकता। इसी बात पर विवाद है कि एक निजी ट्रस्ट को एफसीआरए में छूट कैसे मिल सकती है।