लखनऊ
एम्ज़ फाउंडेशन लखनऊ की जानिब से और मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के तावून से करबला दयानतुददौला में तीन रोज़ा मजालिस के सिलसिले की आख़री मजलिस को मुंबई से तशरीफ़ लाये मारूफ़ आलिमे दीन मौलाना सैय्यद नजीबुल हसन ज़ैदी ने ख़िताब किया।
मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना ने कहा कि फ़र्शे अज़ा पर कमाले मारेफ़त के साथ आओ क्योंकि हुसैन यहाँ जौहरे बंदगी से आशना कर रहे हैं। इसलिए फ़र्शे अज़ा दिलों के सुकून का ज़रिया हैं। जो फ़र्शे अज़ा से जुड़ा रहता हैं उसका दिल मुतमइन रहता हैं। मजलिस के आखिर में मौलाना ने इमाम हुसैन अ.स की बेटी जनाबे सकीना स.अ की शहादत को बयान किया। मजलिस के बाद जनाबे सकीना स.अ की शहादत की याद में शबीहे ताबूत और अलमे हज़रत अब्बास अ.स बरामद किया गया।
मजलिस में अंजुमन हुसैनिया क़दीम और अंजुमन नूरे ईमान ने नौहा व सीना ज़नी के फ़राएज़ अंजाम दिए। मजलिस में मौलाना शरफ़ बाक़री, मौलाना कल्बे अब्बास नक़वी, ताहिर कानपुरी, फ़ुरक़ान हुसैन, हसन मूसवी, हसनैन रिज़वी, और दीगर शोअरा-ए-किराम ने नज़राना-ए-अक़ीदत पेश किया। प्रोग्राम के आख़िर में बनियानें मजलिस ने तमाम मुआवेनीन, अंजुमन हाय मातमी, इस्मत टीवी, विलायत टीवी, और सभी शोरका का शुक्रिया अदा किया गया। ख़ास तौर पर हुसैनी चैनल के अराकीन का शुक्रिया अदा किया गया जिन्होंने मुसलसल तीन दिनों तक मजालिस को बराहे रास्त नश्र किया और रोज़नामा सहाफ़त जिसने मजालिस में अपना भरपूर तावून पेश किया।
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