टीम इंस्टेंटखबर
9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों पर मोदी सरकार के मौन धारण पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एलान किया है कि 31 जनवरी को किसान सरकार की इस वादाखिलाफी

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैतने रविवार को केंद्र पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है. टिकैत ने कहा कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन वादे अधूरे रह गए. किसान नेता टिकैट ने ट्वीट कर कहा कि सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ कल 31 जनवरी को देशव्यापी ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया जाएगा.

टिकैत ने आगे कहा कि सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आन्दोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है. राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली में MSP पर जो भी वादा किया है उसे पूरा करे. हम चुनाव से अलग हैं हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे. मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा. जनता सरकार से खुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज होगी तो किसी और को वोट देगी.

मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों पर एक साल से अधिक समय तक सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया.