नई दिल्ली: कृषि कानून को निरस्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैठे किसानों ने अब गर्मी से बचने के लिए पक्के मकानों का निर्माण शुरू हो कर दिया। किसान नेताओं ने घोषणा की है कि अधिक से अधिक पक्के निर्माण किए जाएंगे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूखंड स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए सेवादार ईंटे और अन्य निर्माण सामग्री भेज रहे हैं और पानीपत से दिल्ली जाने वाली लेन की तरफ निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। किसान नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि वे लंबे समय तक यहां रहने के लिए पक्के मकान बना रहे हैं।
लम्बे आंदोलन की तैयारी
दरअसल किसानों को अब सरकार के रवैये को देखकर लगता है कि उन्हें लंबे समय तक सड़क पर बैठना पड़ सकता है। ऐसे में मौसम की परेशानी से बचने के लिए, किसानों ने कुंडली सीमा पर पक्के मकानों का निर्माण करना शुरू कर दिया है। किसानों का तर्क है कि वह गर्मी और सर्दी में तम्बू के अंदर क्यों मरे,
जब उन्हें लंबे समय तक सीमा पर बैठना है तो वे पक्के मकान बनाएंगे ताकि उन घरों में मौसम के अनुसार एसी, रूम हीटर या अन्य सुविधाएं हो सकें।
ट्यूबवेल भी लगवाए
किसानों ने घर बनाने से पहले कई ट्यूबवेल लगाए हैं ताकि गर्मियों में पीने के पानी की कोई समस्या न हो। जब किसानों से कुंडली सीमा पर पक्के मकानों के निर्माण के साथ-साथ नलकूपों की स्थापना के बारे पुलिस ने किसानों पूछा कि किसकी मंजूरी से वे यह सब कर रहे हैं तो किसानों ने पुलिस से कहा कि सरकार ने किसकी मंजूरी से कृषि कानूनों को बनाया था। इसलिए पहले मोदी से पूछें कि जब किसानों से कानून बनाने के लिए नहीं पूछा गया तो किसान निर्माण करने के लिए क्यों किसी से पूछेंगे।
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