नई दिल्लीः कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य और एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत में साल के अंत या नए साल की शुरुआत में कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में इसके आपात उपयोग की मंजूरी मिल सकती है। हम महामारी से संबंधित बड़े बदलाव की तरफ हैं अगर अलगे 3 महीने तक हम ऐसा करने में सफल रहे तो चीजें बदल जाएंगी।
बूस्टर डोज से कई महीनों तक कोरोना से सुरक्षित
एम्स निदेशक डा. रणदीप गुरेलिया ने कहा कि एक बार बूस्टर डोज देने पर वैक्सीन लोगों के अंदर अच्छी-खासी मात्रा में एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देगी, जिससे वे कई महीनों के लिए सुरक्षित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी यह देखना बाकी है कि वैक्सीन लोगों में किस तरह की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसी वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अंतिम स्टेज में हैं। उम्मीद है कि भारतीय नियामक इसके इमर्जेंसी उपयोग की मंजूरी दे देंगे। जिसके बाद हम लोगों को वैक्सीन देना शुरू कर देंगे।
वैक्सीन को बताया सेफ
वैक्सीन कितनी सुरक्षित होगी? सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘हमारे पास इस बात को साबित करने के लिए ज्यादा डेटा है कि ये वैक्सीन सेफ हैं। वैक्सीन सेफ्टी से कोई समझौता नहीं किया गया है।’ गुलेरिया ने कहा कि ’70-80 हजार वालंटियर्स को यह वैक्सीन दी गई है और किसी पर इस वैक्सीन के गंभीर परिणाम देखने को नहीं मिले हैं और वैक्सीन सेफ है।’
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