टीम इंस्टेंटखबर
कोरोना के डेल्टा वेरिएंट में वैक्सीन लगने के बाद भी व्यक्ति को संक्रमित करने की बहुत ज्यादा क्षमता होती है. यह SARS-CoV2 के तेजी के फैलने की वजह हो सकती है. नेचर जरनल में पब्लिश हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है.
स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन लगने के बाद भी डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने का खतरा बाकी वैरिएंट्स के मुकाबले 8 गुना ज्यादा है. इसके साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट में कोविड-19 से रिकवर हो चुके लोगों को दोबारा संक्रमित करने की संभावना छह गुना ज्यादा है.
इस स्टडी में भारत और कई दूसरे देशों के शोधकर्ताओं की टीम भी शामिल थी. उन्होंने पाया कि AstraZeneca या Pfizer की वैक्सीन के जरिए मिली इम्यूनिटी को बेअसर करने की क्षमता डेल्टा वेरिएंट (या B.1.617.2) में वायरस के दूसरे वैरिएंट्स के मुकाबले काफी अधिक है.
स्टडी में कहा गया है कि संक्रमण या वैक्सीन से विकसित इम्यूनिटी के खिलाफ डेल्टा वेरिएंट में ज्यादा replication की क्षमता होती है. स्टडी के मुताबिक, इसने 90 से ज्यादा देशों में डेल्टा वेरिएंट के तेजी से फैलाने का काम किया है.
शोधकर्ताओं ने दिल्ली के तीन अस्पतालों में टीके के दोनों डोज लगा चुके 9,000 स्वास्थ्यकर्मियों में से उनकी स्टडी की, जिनमें इसके बावजूद संक्रमण हुआ था. इन अस्पतालों में कुल 218 स्वास्थ्यकर्मियों को कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज मिलने के बाद भी लक्षण के साथ संक्रमण हुआ था. डेल्टा वेरिएंट की मौजूदगी इनमें दूसरे वेरिएंट के मुकाबले 5.45 गुना ज्यादा पाई गई थी.
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