डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड को कोविड-19 के रूस में बने टीके स्पूतनिक वी (Sputnik V) के भारत में दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण (ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल) करने की मंजूरी मिल गई है. कंपनी ने एक बयान में इसकी जानकारी दी. कंपनी ने बताया कि उसे और रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) को ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से यह मंजूरी मिली है. हैदराबाद में आधारित कंपनी ने कहा कि यह एक नियंत्रित अध्ययन होगा, जिसे कई केंद्रों पर किया जाएगा.

कंपनी के सह चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर जीवी प्रसाद ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण खबर है, जो हमें भारत में क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति देता है. उन्होंने कहा कि वह महामारी से निपटने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी टीका लाने को प्रतिबद्ध है. आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) किरिल दमित्रिएव ने कहा कि वह भारतीय नियामकों के साथ सहयोग करके खुश हैं. उनके मुताबिक वे भारत में होने वाले परीक्षण के साथ ही रूस में तीसरे चरण के परीक्षण के डेटा को साझा करेंगे. इससे भारत में स्पूतनिक वी के क्लिनिकल डेवलपमेंट में मदद मिलेगी.

इससे पहले सितंबर 2020 में डॉ रेड्डीज और RDIF ( रशियन सॉवरेन वेल्थ फंड) ने स्पूतनिक वी वैक्सीन के परीक्षण और भारत में इसके वितरण के लिए साझेदारी की थी. साझेदारी के तहत आरडीआईएफ भारत में रेगुलेटरी मंजूरी पर डॉ रेड्डीज को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा.

बता दें कि 11 अगस्त को Gamaleya नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पूतनिक वी वैक्सीन को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रजिस्टर किया था. इसके साथ यह दुनिया की पहली कोविड-19 के खिलाफ रजिस्टर्ड वैक्सीन बन गई थी जो ह्यूमन adenoviral प्लेटफॉर्म पर बेस्ड थी.

स्पूतनिक वी वर्तमान में रूस में फेज तीन के क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रही है और सब्जेक्ट की प्रस्तावित संख्या 40 हजार है. इसके अलावा वैक्सीन का फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल पिछले हफ्ते UAE में शुरू हुआ है.