मथुरा: इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के करीब 12 घंटे बाद डॉक्टर कफील खान आखिरकार मंगलवार देर रात मथुरा जेल से रिहा कर दिए गए। उन पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भाषण को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाई गई थी। हाई कोर्ट ने हालांकि, अपने फैसले में उनकी गिरफ्तारी को न केवल गैरकानूनी कहा बल्कि तत्काल रिहाई के आदेश भी दिए थे।

हाई कोर्ट ने कल दिया था रिहाई का आदेश
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि डॉ कफील का भाषण पहली नजर में कही से भी नहीं लगता कि ये उकसान की कोशिश है। कफील के वकील इरफान गाजी ने बताया कि मथुरा जेल प्रशासन ने रात करीब 11 बजे उन्हें यह सूचना दी कि डॉक्टर कफील को रिहा किया जा रहा है। उसके बाद रात करीब 12 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया।

शुभचिंतकों का जताया आभार
जेल से रिहाई के बाद कफील ने कहा कि वह उन तमाम शुभचिंतकों के हमेशा आभारी रहेंगे जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि प्रशासन उन्हें अब भी रिहा करने को तैयार नहीं था लेकिन लोगों की दुआ की वजह से वह रिहा हुए हैं, मगर आशंका है कि सरकार उन्हें फिर किसी मामले में फंसा सकती है।