लखनऊ: देश के सबसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक , एआईजी अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी को द अमेरिकन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी (एएसजीई) ने प्रसिद्ध रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार दिया है। एएसजीई दरअसल जीआई एंडोस्कोपी की दुनिया में शीर्ष संस्थाओं में से एक है। एक वर्चुअल समारोह में एएसजीई के वार्षिक क्रिस्टल अवार्ड्स में डॉ. रेड्डी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। रुडोल्फ वी. शिंडलर अवार्ड दरअसल प्रतिष्ठित क्रिस्टल अवार्ड्स में सर्वोच्च श्रेणी है, जिसका नाम डॉ. शिंडलर के नाम पर रखा गया है और जिन्हें गैस्ट्रोस्कोपी का जनक माना जाता है। डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी एंडोस्कोपी के क्षेत्र में अपने उत्‍कृष्‍ट कार्यों के लिए एएसजीई से यह उल्‍लेखनीय मान्यता प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डाक्टर बन गए हैं।

डॉ. क्लाउस मर्जनर, प्रेसिडेंट, एएसजीई ने डॉ. रेड्डी को रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, एएसजीई का सर्वोच्च सम्मान उस सदस्य को दिया जाता है, जिन्‍होंने एंडोस्कोपिक अनुसंधान, शिक्षण में कई उपलब्धियां हासिल कर रखी हैं, और जीआई एंडोस्कोपी के क्षेत्र में जिनकी सेवा सही मायनों में डॉ. शिंडलर के मानकों और परंपराओं की एक उत्‍कृष्‍ट मिसाल है।

इस अवसर पर डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, ने कहा, एएसजीई के रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार प्राप्त करना दुनिया भर, यहां तक कि विकासशील देशों के सभी एंडोस्कोपिस्टों के लिए भी एक उत्‍कृष्‍ट प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और समर्पण भाव से किए जाने वाले कार्यों को इस सोसायटी द्वारा अवश्‍य ही सराहा जाता है, चाहे वे कहीं भी अपनी सेवाएं दे रहे हों।

इस पुरस्कार से नवाजे जाने से पहले डॉ. रेड्डी ने एक और विशिष्ट उपलब्धि हासिल की है। दरअसल, डॉ. रेड्डी को हाल ही में प्रतिष्ठित अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (एएएएस) के अनेक नवनिर्वाचित फेलो की सूची में शामिल किया गया है। डॉ. रेड्डी पिछले 100 वर्षों में एएएएस की फेलोशिप प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉक्‍टर हैं। एएएएस दुनिया की सबसे बड़ा वैज्ञानिक सोसाइटी है और अपनी अनेक विज्ञान पत्रिकाओं के माध्यम से अत्याधुनिक शोध का एक प्रमुख प्रकाशक है।