चेन्नई: डीएमके के वरिष्ठ नेता ए राजा ने सोमवार को यहां कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे “आम लोगों” से नहीं डरती और उसके पास भाजपा के विपरीत विचारधारा है, जो सुनिश्चित करेगी कि भगवा पार्टी तमिलनाडु में पैर न जमा पाए।

रविवार को मदुरै में सत्तारूढ़ डीएमके की अमित शाह द्वारा की गई आलोचना के जवाब में यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजा ने दावा किया कि विभिन्न मुद्दों पर भाजपा के दिग्गज नेता की टिप्पणियां “सरासर झूठ, घृणित और विभाजनकारी” हैं। लोकसभा सांसद ने जोर देकर कहा कि भाजपा तमिलनाडु में पैर नहीं जमा सकती, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, दिल्ली या महाराष्ट्र के विपरीत, क्योंकि द्रविड़ विचारधारा भगवा विचारधारा के विपरीत है।

उन्होंने द्रविड़ दर्शन का हवाला देते हुए कहा, “(आप प्रमुख) अरविंद केजरीवाल (दिल्ली में) सत्ता में कैसे आए – उन्होंने केवल भ्रष्टाचार का विरोध किया, क्या उनके पास कोई विचारधारा थी, क्या उनके पीछे कोई नेता थे….हम अमित शाह और मोदी से नहीं डरते – आखिरकार, वे साधारण व्यक्ति हैं। उनके पीछे की राजनीतिक विचारधारा हर जगह आक्रमण कर रही है और जीत रही है, लेकिन वह यहां क्यों नहीं जीत पा रही है। क्योंकि हमारे पास उस विचारधारा का विकल्प है।”

उन्होंने कहा, “जब तक द्रविड़ विचारधारा है, वे तमिलनाडु में पैर नहीं जमा सकते। हम दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा नहीं हैं। हम तमिलनाडु हैं, हम द्रविड़ हैं, (भाजपा) यहां नहीं आ सकती।” शाह ने रविवार को जोर देकर कहा कि एनडीए अगले साल तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में सरकार बनाएगी और उन्होंने 4,600 करोड़ रुपये के रेत खनन घोटाले सहित भ्रष्टाचार के नए आरोप लगाकर राज्य में डीएमके शासन पर निशाना साधा। भाजपा तमिलनाडु में एआईएडीएमके के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है। राजा ने कहा कि द्रमुक शाह की बातों को “शब्द-दर-शब्द” गलत साबित कर सकती है, लेकिन तमिलनाडु के लोग भाजपा नेता की ऐसी बातों को स्वीकार नहीं करेंगे। राजा ने दावा किया, “उनकी टिप्पणियां केंद्रीय गृह मंत्री के पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं। संक्षेप में कहें तो उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह सरासर झूठ, घृणित और विभाजनकारी था।”

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ “निराधार आरोप” लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कानून और व्यवस्था सुनिश्चित की है और कई मौकों पर केंद्रीय निधि उपलब्ध नहीं होने के बावजूद, राज्य निधि से विकास योजनाओं को तेजी से लागू किया है और इसे पचा पाने में असमर्थ होने के कारण केंद्र और भाजपा शाह को तमिलनाडु ले आए।” उन्होंने प्रस्तावित जनगणना और परिसीमन सहित मुद्दों पर भी केंद्र पर निशाना साधा। केंद्र द्वारा जाति जनगणना को मंजूरी दिए जाने पर उन्होंने भाजपा के पहले के विरोध और ऐसी गणना की मांग करने वालों की आलोचना को याद किया और आश्चर्य जताया कि अब उसने अपना रुख क्यों बदल दिया है’