टीम इंस्टेंटखबर
प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी ने आज जनपद वाराणसी में आयोजित ऑल इण्डिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि काशी का विकास पूरे देश का रोडमैप हो सकता है।

उन्होंने कहा, हमारे देश में ज्यादातर शहर पारंपरिक शहर हैं और पारंपरिक तरीके से विकसित हुए हैं। आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता की भी उतनी ही अहमियत है। हमें इन शहरों की विरासत और स्थानीय कौशल को संरक्षित करना चाहिए और इन शहरों का कायाकल्प आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के लिए शहरों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पर बल देते हुए महापौरों से इस संबंध में आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने शहर के वॉर्डों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास करें। स्वच्छता के साथ-साथ शहरों के सौंदर्यीकरण भी जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने विकास मॉडल में एम0एस0एम0ई0 को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रेहड़ी-पटरी वाले हमारी अपनी ही यात्रा के अंग है, इनकी मुसीबतों को हम हर पल देखेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महापौर अपने शहर में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम कर सकते हैं। अपने शहर में एक जगह का चयन करके पी0पी0पी0 मोड के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान एक स्मारक भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि महापौरों को शहरों का जन्मदिन मनाना चाहिए। नदियों वाले शहरों को नदी उत्सव मनाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महापौर का पद एक सार्थक राजनीतिक करियर के लिए एक ठोस आधार हो सकता है, जहां आप देश के लोगों की सेवा कर सकते हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल सक्रिय राजनीति में आने से पूर्व अहमदाबाद के महापौर थे। देश आज भी सरदार पटेल के कार्याें को याद करता है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में ऑल इण्डिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने विगत 07 वर्षाें में काशी में विकास के नये मापदण्ड स्थापित किये हैं। 13 दिसम्बर, 2021 को प्रधानमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ धाम को राष्ट्र को समर्पित किया। श्री काशी विश्वनाथ धाम देश के पुरातन एवं आधुनिक परम्परा के व्यवस्थित समन्वय का एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी में ऑल इण्डिया मेयर्स कॉन्फ्रेंस की पहली बैठक करने का सौभाग्य उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुआ है।