• पीईटी रजिस्ट्रेशन तिथि बढ़ाने व लंबित भर्तियों को पूरा करने के मुद्दे पर प्रदेशव्यापी आंदोलन
  • प्रयागराज समत प्रदेशभर में प्रशासनिक अधिकारियों को दिये गए ज्ञापन

लखनऊ: पीईटी रजिस्ट्रेशन तिथि बढ़ाने और जेई 2016, लोवर समेत सालों से लंबित भर्तियों को समयबद्ध पूरा करने के मुद्दे पर युवा मंच के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत आज प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, अमरोहा, कानपुर देहात, राम पुर, संत कबीर नगर, शामली समेत तमाम जनपदों में प्रशासनिक अधिकारियों एवं ट्वीट-ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजे गए। प्रयागराज में युवा मंच प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य इंजी. राम बहादुर पटेल के नेतृत्व में नगर मजिस्ट्रेट प्रथम को ज्ञापन दिया गया। इस मौके पर रोहित, आलोक, सचिन पटेल, ईशान, मनोज, रमेश, अरविंद आदि मौजूद रहे। प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि सर्वर व वेबसाइट की समस्या से वंचित हुये 10 लाख से ज्यादा युवाओं को पीईटी चयन प्रक्रिया से बाहर करना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। ऐसे में आवेदन की तिथि बढ़ाई जाये और अधीनस्थ आयोग में जेई 2016, 18, लोवर समेत सभी लंबित भर्तियों को समयबद्ध पूरा करने की गारंटी की जाये। इस मौके पर इंजी. राम बहादुर पटेल ने कहा कि सर्वर व वेबसाइट की क्षमता इतनी कम समयावधि में 35-40 लाख आवेदन लेने की थी ही नहीं।

यही हाल पीजीटी-टीजीटी व दारोगा भर्ती के आवेदन में भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि खुद अधीनस्थ आयोग ने आकलन किया था कि 35-40 लाख या इससे अधिक आवेदन हो सकते हैं लेकिन वेबसाइट की क्षमता इतने बड़े पैमाने पर आवेदनों को 25 दिन की समयावधि में भरने की थी ही नहीं। ऐसे में ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों में ज्यादा समस्या पैदा हुई और 10-15 लाख के करीब युवा आवेदन से वंचित हो गए। इसमें अकेले रजिस्ट्रेशन के उपरांत 7.55 लाख युवा फीस जमा नहीं कर सके।

ज्ञापन कार्यक्रम के उपरांत आंदोलन की रणनीति के लिए हुई पदाधिकारियों की मीटिंग को संबोधित में करते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि सरकारी मशीनरी व मीडिया द्वारा रिकार्ड रोजगार का जो प्रोपेगैंडा किया जा रहा है, उसकी असलियत उजागर हो चुकी है। इसीलिए योगी सरकार छात्र-युवा आंदोलन से डरी हुई है और रोजगार के अपने संवैधानिक-लोकतांत्रिक अधिकार को हासिल करने के लिये युवाओं द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से उठाई जा रही आवाज को कुचलने के लिए सरकार आमादा है। उन्होंने हाल में मुख्यमंत्री द्वारा 74 हजार पदों की भर्ती की घोषणा का उदाहरण देते हुए कहा कि वास्तव में इस 74 हजार भर्ती का वजूद ही नहीं है। चुनाव के 6 महीने शेष बचे हैं, कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है, ऐसे में पीईटी से लेकर मुख्य परीक्षा आयोजित कर नियुक्ति तक की कार्यवाही संपन्न कराने की बातें शिगूफेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है। कहा कि अगर चयन प्रक्रिया इतना तेजी से हो सकती है तो प्रदेश सरकार बताये कि 5-10 साल तक की भर्तियां अधर में क्यों हैं। जेई 2016 जैसी तमाम परीक्षाओं को सालों इंतजार के बाद क्यों अभी तक आयोजित नहीं की गई। आरोप लगाया कि योगी सरकार रोजी-रोटी छीनने पर तो आमादा है ही, अब लाखों युवाओं को किसी भी परीक्षा में शामिल होने के मौलिक अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है। कहा कि अब प्रदेश का युवा न तो दमन से डरने वाला है और न ही योगी सरकार की घोषणाओं व प्रोपैगैंडा के झांसे में आने वाला है। युवा अब रोजगार के सवाल चुनावों में मुद्दा बनायेगा, वैसे भी अब युवाओं को योगी सरकार से किसी तरह के रोजगार की उम्मीद बची नहीं है।