नई दिल्ली: सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। ऐसे में खबर आ रही है कि रिजर्व बैंक भी लोन मोराटोरियम पीरियड को तीन और महीने के लिए बढ़ा सकता है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अगर ऐसा होता है तो कर्जदार तीन और महीने के लिए किस्त चुकाने से मुक्त हो जाएंगे। हालांकि इस दौरान इंट्रेस्ट जारी रहेगा।
कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसे पहले तीन मई तक और फिर 17 मई तक बढ़ाया गया था। आरबीआई ने मार्च में ही एक मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 के बीच सभी सावधि ऋणों के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत दी थी।
एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया, ‘लॉकडाउन के 31 मई तक बढ़ने के साथ ही हमें उम्मीद है कि आरबीआई ऋण स्थगन को तीन महीने के लिए और बढ़ाएगा।’ रिपोर्ट में कहा गया कि तीन और महीनों के लिए ऋण स्थगन से कंपनियों को 31 अगस्त, 2020 तक भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी और इसका मतलब है कि कंपनियों के सितंबर में ब्याज देनदारियों को चुकाने की संभावना बेहद कम है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक ब्याज देनदारियों को चुकाने में विफल रहने का अर्थ है कि इन लोन को नॉन परफॉर्मिंग लोन्स माना जा सकता है। रिपोर्ट में आरबीआई से अधिक लचीला रुख अपनाने की बात कही गई है।
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