टीम इंस्टेंटखबर
दक्षिण पश्चिमी मानसून ने राष्ट्रीय राजधानी में 11 साल में अब तक सबसे ज्यादा 1,005.3 मिलीमीटर बारिश की है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, सफदरजंग वेधशाला में वर्षा ऋतु के दौरान आम तौर पर औसतन 648.9 मिमी वर्षा दर्ज की जाती है. एक जून को मानसून का मौसम शुरू होने से 10 सितंबर तक यहां 586.4 मिमी बारिश होती है. दिल्ली में 13 जुलाई को मानसून पहुंचा था जो 19 वर्षों के इतिहास में सबसे देर से आया. इसके बावजूद, राजधानी में महीने में 16 दिन बारिश हुई जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा है.
दिल्ली में इस महीने की शुरुआत में लगातार दो दिनों में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई. एक सितंबर को 112.1 मिमी और दो सितंबर को 117.7 मिमी वर्षा हुई. इस महीने अब तक 248.9 मिमी वर्षा हुई है, जो सितंबर के औसत 129.8 मिमी बारिश से काफी ज्यादा है.
जुलाई में 507.1 मिमी बारिश हुई जो औसत 210.6 मिमी से बहुत ज्यादा है. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह से बारिश होने से भूजल के पुनर्भरण में मदद नहीं मिलती है बल्कि निचले इलाकों में पानी भर जाता है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो सितंबर को भी भारी बारिश हुई थी. दो सितंबर सुबह से 229.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सितंबर में होने वाली औसत 129.8 मिमी बारिश से काफी अधिक थी. आम तौर पर माह के पहले दो दिन केवल 16.7 मिमी बारिश ही होती है.
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