लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता संजय सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि एक तरफ योगी सरकार अपने 100 दिनों की उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है वहीं दूसरी तरफ 100 दिनों के अंदर जो ट्रांसफर पोस्टिंग हुए, उसमें खूब भ्रष्टाचार हुआ जो कि अब जनता के सामने आ गया है। इस भ्रष्टाचार को कांग्रेस ने नहीं बल्कि सरकार के मंत्रियों ने ही ट्रांसफर पोस्टिंग के खिलाफ जांच की मांग लिखकर विपक्ष और जनता के सामने उजागर कर दिया है। जांच की मांग से यह स्पष्ट होता है की अधिकारी निरंकुश हो चुके हैं और ट्रांसफर पोस्टिंग में अपने कैबिनेट मंत्री की ही नहीं सुनी। मनमाने तरीके से तबादला किया जिसका खामियाजा वो जरूरतमंद कर्मचारी भुगत रहे हैं जिन्हें वाकई ट्रांसफर की आवश्यकता थी ।

एक तरफ अधिकारी अपने मंत्री की नहीं सुन रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर कैबिनेट मंत्री अपने राज्य मंत्रियों को काम नहीं सौंप रहे हैं। प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा यह चिंता का विषय है। इन लोगों ने सत्ता को जन सेवा का नहीं बल्कि उपभोग का माध्यम बना लिया है। कैबिनेट मंत्री सत्ता की हिस्सेदारी को रेवड़ी समझते हैं और राज्य मंत्रियों को नहीं देना चाहते। इस भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। अन्यथा 5 साल आपसी रस्साकशी में गुजर जाएंगे और जनता ठगी की ठगी रह जाएगी। जनता की उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा ।

उन्होंने आगे कहा कि आपसी रस्साकशी से यह स्पष्ट हो गया है कि मंत्री और अधिकारी 100 दिन में सिर्फ अपने अधिकार को लेकर लड़ रहे हैं, जनता की ओर ध्यान नहीं दिया है। जब अधिकतर मंत्री ही संतुष्ट नहीं तो 100 दिन में तो जनता कैसे संतुष्ट होगी? योगी जी को इस पर तुरंत विराम लगाना चाहिए और मंत्री एवं अधिकारियों को सख्त निर्देश देना चाहिए युवा जन कल्याण और विकास के कार्यक्रम शुरू करें अन्यथा 2024 में जनता भाजपा को उत्तर प्रदेश से उखाड़ फेंकेगी।