टीम इंस्टेंटखबर
कॉरपोरेट घरानों की बैंकिंग सेक्टर में इंट्री पर फिलहाल RBI ने रोक लगा दी है. RBI के इस रुख के बाद टाटा, बिड़ला और रिलायंस जैसे कॉरपोरेट घराने बैंकिंग सेक्टर में फिलहाल प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
दरअसल इन औद्योगिक घरानों ने अपने व्यापारिक साम्राज्य को बैंकिंग में विस्तारित करने की योजना बनाई थी लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने अड़ंगा लगा दिया है. आरबीआई के एक इंटरनल ग्रुप ने 33 सुझाव दिए थे, जिसमें से 21 को स्वीकार किया गया है. अन्य 12 सुझावों पर केंद्रीय बैंक विचार कर रहा है.
बता दें कि औद्योगिक घरानों की बैंकों में एंट्री की योजना को पूर्व केंद्रीय बैंकरों से लेकर राजनेताओं तक के विरोध का सामना करना पड़ा था. जिन सुझावों को स्वीकार किया गया है उसमें न्यूनतम पूंजी आवश्यकता को बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है और प्रमोटरों को कंपनी के 26% तक के स्वामित्व की अनुमति दी है. इस सुझाव को स्वीकार करने से अरबपति उदय कोटक अपने बैंक पर नियंत्रण रखेंगे. आरबीआई ने कहा कि यह मानदंड सभी प्रकार के प्रमोटरों पर लागू होना चाहिए.
टाटा और बिड़ला जैसे औद्योगिक घरानों द्वारा संचालित गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) को दोहरी मार का सामना करना पड़ता है. केंद्रीय बैंक ने घोषणा की है कि वह एनबीएफसी को नियंत्रित करने वाले नियमों को बैंकों के कानूनों की तरह सख्त बनाएगा. वहीं, तीन वर्षों में, पेमेंट बैंकों को छोटे वित्त बैंकों में बदलने की सुविधा देने वाले सुझाव को अस्वीकार कर दिया गया है, जिसका असर पेटीएम पर पड़ सकता है. पेटीएम अभी पेमेंट बैंक सेक्टर में मौजूद है.
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