नई दिल्ली: देशभर में मरकज से लौटे तब्लीगी जमात के लोगों द्वारा कोरोना संक्रमण की खबरों के ठंडा पड़ते ही पंजाब में भी इसी तर्ज पर बाहर से लौटे सैकड़ों श्रद्धालुओं में कोरोना के कहर की खबरें गर्मा गई हैं। महाराष्ट्र के नांदेड स्थित गुरुद्वारा हजूर साहिब से पंजाब में श्रद्धालुओं के लौटने के साथ ही पिछले दो तीन दिन से यहां कोरोना कहर बरपा रहा है। यहां के कई शहरों में लौटे करीब 3]500 श्रद्धालुओं में से 200 से अधिक श्रद्धालु कोरोना पीड़ित पाए गए हैं।

आइसोलेशन ठिकानों में ठहराए गए श्रद्धालुओं के टेस्ट जारी हैं जिससे कोरोना पीड़ितों की संख्या और अधिक बढ़ने की आंशका है। पिछले 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव पाए गए 225 नए मरीजों में 180 श्रद्धालु हैं जो हजूर साहिब से लौटे हैं। श्रद्धालुओं की पंजाब वापसी को लेकर 20 अप्रैल से शिरोमणिअकाली दल से सांसद सुखबीर बादल और उनकी केंद्रीय मंत्री पत्नी हरसिमरत कौर ने गृह मंत्रालय पर दबाव बनाया था। श्रद्धालुओं की सकुशल पंजाब वापसी का श्रेय कहीं अकेला शिरोमणि अकाली दल न ले जाए, इसे देखते हुए कैप्टन सरकार ने पनबस और प्राइवेट ऑपरेटर्स की बसें नांदेड़ के लिए रवाना की, पर खचाखच भरी बसों में 24 घंटें से भी अधिक समय का सफर कर लौटे यात्रियों समेत बसों के ड्राइवर कंडक्टर भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इस लापरवाही पर अपनी ही सरकार को घेरते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ‘आउटलुक’ से कहा कि बड़े पैमाने पर हुई लापरवाही से सैंकड़ों लोगों की जान को खतरे में डालने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि उन्होंने पंजाब सरकार को चौकन्ना किया था कि हजूर साहिब से आने वाले श्रद्धालुओं को उनके घरों में जाने से पहले 14 दिन तक एकांतवास में रख कर टेस्टिंग जरूर करवाई जाए। पर पंजाब सरकार ने इस तरफ ध्यान न देकर बिना टेस्ट के कई लोगों को घर भेज दिया। यदि इन सभी श्रद्धालुओं के टेस्ट करवाकर रिपोर्ट आने तक पूरे इंतजाम तथा सम्मान के साथ एकांतवास में रखा जाता तो पंजाब में इतने बड़े पैमाने पर कोरोना का फैलाव न होता।