भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वनडे वर्ल्ड कप का पहला सेमीफाइनल मैच खेला जाना है. इस मैच पर पूरी दुनिया की नजरें हैं. लेकिन इस अहम मुकाबले से पहले मेजबान बीसीसीआई पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मैच से पहले बीसीसीआई पर आरोप लगे हैं कि मैच से पहले सेमीफाइनल मैच की पिच को भारतीय बोर्ड ने बदला है और टीम इंडिया के मुताबिक जिस पिच को बनाया है उस पर मैच हुआ है.

आरोप ये भी लगे हैं कि बीसीसीआई ने इस मैच की पिच को धीमी पिच बनाने के आदेश दिए हैं ताकि न्यूजीलैंड को परेशानी हो और टीम इंडिया को जीतने में किसी तरह की दिक्कत न आए.

इंग्लिश अखबार डेली मेल की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि भारत-न्यूजीलैंड सेमीफाइनल मैच के लिए तय पिच को बदल दिया गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ल्ड कप के लिए आईसीसी के पिच कंसल्टेंट एंडी एटकिंसन ने टूर्नामेंट से पहले ही वानखेडे स्टेडियम में होने वाले इस सेमीफाइनल मैच के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के पिच क्यूरेटर और बीसीसीआई के साथ मिलकर पिच नंबर 7 तय की गई थी. इस पिच पर और कोई मैच तय नहीं किया गया था.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एमसीए के क्यूरेटर्स ने बीसीसीआई और भारतीय टीम मैनेजमेंट के कहने के बाद पिच बदलने का फैसला किया गया. एटकिंसन ने आरोप लगाया कि बिना उन्हें बताए ये किया गया. अब इस मामले में ICC की ओर से आधिकारिक बयान आया है. आईसीसी ने कहा है कि इतने लंबे इवेंट्स में पिच रोटेशन को लेकर पहले से तय प्लान में बदलाव होना सामान्य बात है और पहले ही दो बार हो चुका था.

ICC ने साथ ही बताया कि ये बदलाव वेन्यू के क्यूरेटर और होस्ट बोर्ड के साथ मिलकर ही किया गया. इतना ही नहीं, ICC ने अपने इंडिपेंडेंट पिच कंसल्टेंट एंडी एटकिंसन के दावे से भी खुद को अलग किया और कहा कि उन्हें भी इसकी जानकारी दी गई थी. ICC ने साथ ही उम्मीद जताई कि पिच अच्छा बर्ताव नहीं करेगी, इस तरह के संदेह का कोई कारण नहीं है.

वानखेडे स्टेडियम की जिस पिच को इस मैच के लिए चुना गया, उस पर पहले से ही दो मैच खेले जा चुके थे और दोनों ही मैचों में बड़े स्कोर बने थे. पहले साउथ अफ्रीका ने इंग्लैंड के खिलाफ 399 रन बनाए थे. फिर टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ 357 रन बनाए थे. दोनों ही टीमों ने ये मुकाबले बहुत बड़े अंतर से जीते थे.