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मिलान फाउंडेशन, एक्शन एड एवं वर्ल्ड विज़न के सहयोग से आज “ड्राफ्ट स्टेट रूल्स ऑफ़ चाइल्ड मैरिज प्रोहिबिशन एक्ट 2006” में अनुकूल संशोधन के प्रस्ताव के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ एक दिवसीय परामर्श बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य – मौजूदा बाल विवाह कानूनों और नियमों पर समझ विकसित करना, स्टेकहोल्डर्स से सुझाव प्राप्त करने हेतु ड्राफ्ट पर चर्चा करना तथा बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के राज्य नियमावली के ड्राफ्ट पर प्रतिक्रिया/फीडबैक एकत्र कर महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश के साथ साझा करना है।

बैठक में 50 से अधिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया, तथा महिला कल्याण निदेशालय उत्तर प्रदेश के उपनिदेशक पुनीत मिश्रा ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को सम्बोधित करते हुए बाल विवाह के मुद्दे एवं इस परामर्श से विभाग की अपेक्षाओं तथा आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कानूनी मुद्दों के सलाहकार तुषार अंचल ने एक्ट के नियमों की संरचना पर प्रतिभागियों का उन्मुखीकरण किया। जय नारायण पी0जी0 कॉलेज के विभागाध्यक्ष विनोद चंद्रा ने माता पिता द्वारा लड़कियों का बाल विवाह करने की बजाय उन्हें सशक्त एवं आत्मनिर्भर करने की बात रखी। बाल कल्याण समिति की पूर्व अध्यक्ष संगीता शर्मा ने अपने अनुभव के आधार पर सुझावों को साझा किया।

बैठक में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों, कानून के जानकारों व छात्रों, रिसर्च फेलो आदि ने ग्रुप एक्टिविटी के माध्यम से बाल विवाह अधिनियम के संशोधन हेतु विचार-विमर्श कर अपने-अपने सुझाव दिए।