दिल्ली:
गुजरात में प्रचंड जीत हासिल करने वाली बीजेपी को हिमाचल में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही हर बार सरकार बदलने का रिवाज भी हिमाचल प्रदेश ने कायम रखा है। कांग्रेस ने 40 सीटों में जीत दर्ज की है। चुनाव में बीजेपी के कई बड़े नेता और मंत्रियों को हार का स्वाद चखाया है। हारने वाले दिग्गज मंत्रियों में वन मंत्री राकेश पठानिया को कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया से 7354 वोटों से हरा दिया है।

वहीं शाहरपुर सीट से बीजेपी की शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी को कांग्रेस के केवल सिंह पठानिया ने 11 हजार से अधिक मतों से पछाड़ा है। कसौली से स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल को हार का सामना करना पड़ा है। सैजल को कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी ने 6768 मतों से मात दी है। खाद्य आपूर्ती मंत्री राजेंद्र गर्ग को भी चुनाव हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस के राजेश धरमानी ने 5611 मतों से हरा दिया है। मनाली में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर 2957 वोटों से चुनाव हार गए हैं। कुटलैहड़ क्षेत्र से कृषि मंत्री विरेंद्र कंवर 7579 मतों से चुनाव हार गए हैं। लाहौल स्पीति से तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंड़ा 1616 मतों से कांग्रेस उम्मीदवार रवि ठाकुर से चुनाव हार गए हैं।

वहीं बीजेपी में सबसे पावरफूल मंत्रियों में से एक सुरेश भारद्वाज भी चुनाव हार गए हैं, उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार अनिरूद्ध सिंह से 8655 हजार मतों से हार गए हैं। केवल दो मंत्री सूखराम चौधरी, विक्रम ठाकुर और विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ही जीत के आंकड़े तक पहुंचे हैं। जबकि मुख्यमंत्री रहे जयराम ठाकुर ने 37 हजार मतों से अपने प्रतिद्वंदी चेतराम ठाकुर को हराकर जीत हासिल की है।

बीजेपी के दो बागी नालागढ़ से केएल ठाकुर ने 11 हजार मतों से जीत हासिल कर सबको चौंकाया है, जबकि यहां पर बीजेपी के घोषित प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे हैं। वहीं देहरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के बागी होशियार सिंह ने 4 हजार वोटों से जीत हासिल की है। यहां पर भी बीजेपी के घोषित प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे हैं। इसके अलावा कई सीटों पर बागियों ने बीजेपी का खेल खराब किया है।