लखनऊ: यूपी की रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने बसों के मुद्दे पर भाजपा की लाइन लेते हुए बुधवार को पार्टी पर ही निशाना साधा। उन्होंने प्रियंका गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि कि संकट के समय निम्न स्तर की राजनीति की क्या आवश्यकता थी। कांग्रेस ने इसे गंभीरता से लेते हुए विधायक अदिति सिंह को पार्टी की महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस का गढ़ रही रायबरेली संसदीय सीट के लिए भाजपा अदिति सिंह को पोषित कर रही है।

कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे समय निम्न स्तर की राजनीति की क्या आवश्यकता थी? 1,000 बसों की सूची दी, उनमें से आधे नकली या कबाड़ थीं। यह क्रूर मजाक क्यों? यदि आपके पास बसें थी तो आपने उन्हें राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र क्यों नहीं भेजा। कांग्रेस विधायक ने कहा, “कोटा में जब हजारों बच्चे फंस गए तब राजस्थान सरकार उन्हें सीमाओं तक नहीं छोड़ सकती थी। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को घर पहुँचने की सुविधा दी।

अदिति सिंह के ट्वीट पर प्रतिक्रिंया देते हुए कांग्रेस सचिव और रायबरेली प्रभारी के एल शर्मा ने कहा कि पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए विधानसभा में उनके खिलाफ एक नोटिस दिया गया था जो लंबित है। उन्होंने कहा, “वह जवाब देने से बच रही है और अध्यक्ष भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।” पार्टी ने उनके विधायक पद से अयोग्य घोषित करने का भी अनुरोध किया है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, भाजपा रायबरेली संसदीय सीट के लिए अदिति सिंह का पोषण कर रही है, जो कांग्रेस का गढ़ रहा है। अदिति सिंह के पिता स्वर्गीय अखिलेश प्रताप सिंह विधायक थे और एक बार लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े थे। लेकिन बाद में वह कांग्रेस में लौट आए। 2004 से अमेठी से लोकसभा सदस्य रहीं सोनिया गांधी रायबरेली शिफ्ट हो गई थीं। लेकिन कांग्रेस रायबरेली सदर विधानसभा सीट तभी जीत सकी जब अदिति सिंह पार्टी में शामिल हुईं। इससे पहले उनके पिता ज्यादातर समय इस सीट से निर्दलीय विधायक रहे।