लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के उपरान्त चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में साफ-सफाई तथा मरीजों के बैठने आदि की व्यवस्था अच्छी है। अस्पताल के चिकित्सक पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चिकित्सालय में प्रदान की जा रही सेवाएं एक आदर्श अस्पताल की भांति हैं।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय की इमरजेंसी सेवाओं पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि रोगियों को नियमित देखा जा रहा है। अस्पताल में आवश्यक आपरेशन भी प्रारम्भ हो गये हैं। उन्होंने अस्पताल से सटे क्वारंटीन सेण्टर का भी निरीक्षण करते हुए इसकी व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पिछले दो दिनों में अलग-अलग चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य जनपदों में भी तेजी से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने समस्त जनपदों में मेडिकल संक्रमण से बचाव के सभी उपाय करते हुए इमरजेंसी सेवाओं तथा आवश्यक आपरेशन की कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं तथा आवश्यक आपरेशन सेवा के बढ़ने से गरीब और जरूरतमन्द लोगों को मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कोविड अस्पतालों में डाॅक्टर नियमित राउण्ड लें। चिकित्सालयों में साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था के साथ-साथ बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। मेडिकल इंफेक्शन से चिकित्साकर्मियों को सुरक्षित रखने के लिए डाॅक्टरों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ तथा एम्बुलेंस के चालकों का नियमित प्रशिक्षण किया जाए। सभी जनपदों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, थ्री-लेयर मास्क, ग्लव्स तथा सेनिटाइजर जैसी मेडिकल सुरक्षा सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। चिकित्सालयों में आक्सीजन की सुचारु उपलब्धता के सभी इंतजाम किए जाएं। उन्होंने कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या को 30 मई, 2020 तक बढ़ाकर 01 लाख बेड किए जाने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले कामगारों की क्वारंटीन सेन्टर में स्क्रीनिंग की जाए। क्वारंटीन सेन्टर पर स्किल मैपिंग कार्य को जारी रखते हुए कामगारों का दक्षता सम्बन्धी सम्पूर्ण विवरण संकलित किया जाए। कम्युनिटी किचन के माध्यम से कामगारों सहित समस्त जरूरतमंदों के लिए पर्याप्त एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन के प्रबन्ध जारी रखे जाएं। स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए कामगारों को खाद्यान्न किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। होम क्वारंटीन की अवधि में इन्हें 01 हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन की साफ-सफाई, सुरक्षा तथा अन्य व्यवस्थाओं का सतत् निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।