नई दिल्ली: चीन ने लद्दाख के गलवान घाटी (Galvan valley) से अपने टेंट हटा लिए हैं। सोमवार को सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना घाटी के कुछ इलाकों से पीछे लौट रही है। सूत्रों ने कहा है कि चीन ने बख्तरबंद वाहनों और उपकरणों को भी हटाना शुरू कर दिया है। दोनों पक्षों के कोर कमांडर के बीच हुए समझौते के अनुसार चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है।

टेंट हटाते दिखी सेना
सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 से टेंट को हटाती हुई दिखाई दे रही है। इसी तरह की गतिविधियां चीनी सैनिकों की गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी देखी जा रही है। पिछले कई सप्ताह से भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव बनी हुई है। 15-16 जून को पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh)के गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प में भारत के बीस सैनिक शहीद हो गए थे जिसके बाद ये तनाव और बढ़ गया। इस बीच कई स्तर पर दोनों देश के बीच बातचीत हुई है।

पीएम ने किया था लद्दाख का दौरा
भारत चीन तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) तीन जुलाई की सुबह अचानक लद्दाख दौरे पर पहुंचे। वहां उन्होंने भारतीय सेनाओं को संबोधित किया और गलवान हिंसा के दौरान घायल हुए सैनिकों से लेह में मुलाकात की। पीएम मोदी के साथ इस दौरे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) और थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी थे। पीएम ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा था कि विस्तारवाद के दिन खत्म हो गए हैं। चीन पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा था कि गलवान घाटी हमारी है। लद्दाख का पूरा हिस्सा भारत के मान-सम्मान का प्रतीक है। विस्तारवाद ने हमेशा विश्व शांति के लिए खतरा पैदा किया है।