बीजिंग: रूस के कोरोना वायरस के वैक्सीन बना लेने के दावे के बाद चीन की पहली कोविड-19 वैक्सीन Ad5-nCoV को पेटेंट मिल गया है। इस वैक्‍सीन को सेना और CanSino Biologics ने मिलकर बनाया है। इस पेटेंट के लिए 18 मार्च को अनुरोध किया गया था और 11 अगस्‍त को इसकी मंजूरी दे दी गई। चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल के अंत तक इस वैक्सीन को लॉन्च किया जा सकता है।

अन्य देशों पर दबाव
रूस और चीन द्वारा कोरोना वैक्सीन के बनने की खबर के बाद अब अमेरिका स्थित वैक्सीन एजुकेशन सेंटर के निदेशक और फिलाडेल्फिया में इंफेक्शियस डिजीज स्पेशलिस्ट के तौर पर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में काम करने वाले पॉल ऑफिट का कहना है कि इससे अन्य देशों पर दबाव बढ़ सकता है और वह जल्दबाजी में गलती कर सकते हैं, जिसका लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ता है।

दुनिया में 170 वैक्सीन का चल रहा है ट्रायल
दुनियाभर में कोरोना की करीब 170 वैक्सीन का विभिन्न चरणों का ट्रायल चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में करीब 139 वैक्सीन प्री क्लीनिकल ट्रायल चरण में हैं। वहीं 25 वैक्सीन ट्रायल के पहले चरण में हैं। 17 वैक्सीन ट्रायल के दूसरे चरण में हैं। 7 वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में हैं। बता दें कि तीसरा चरण पूरा होते ही वैक्सीन को सिर्फ अप्रूवल की दरकार होती है और उसके बाद वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।