आज देश के सिनेमाहालों में सिर्फ एक शब्द गूँज रहा है और वो ‘पठान’. चार साल बाद स्क्रीन पर शाहरुख़ खान की क्या धमाकेदार और दमदार वापसी हुई है, ऐसी वापसी की उम्मीद शायद किंग खान को भी नहीं होगी। सिनेमाघरों में आज का जो नज़ारा है वो किसी उत्सव से काम नहीं है, हालाँकि कहीं कहीं विरोध की भी ख़बरें हैं मगर उनसे फिल्म पर कोई असर नहीं पड़ने वाला।

कह सकते हैं कि पठान आया और छाया, साथ में बॉक्स ऑफिस पर तूफान भी लाया. फिल्म को देखने का क्रेज लोगों में इस कदर है कि हर जगह बस पठान के ही पोस्टर्स, बैनर, छाए हुए हैं. फैंस शाहरुख की टीशर्ट पहने घूम रहे हैं. थियेटर्स के बाहर लंबी लाइन है. पहले शो के मिले रिस्पॉन्स को देखते हुए एग्जीबिटर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स ने एक अहम फैसला लिया है. थियेटर मालिकों के मुताबिक पठान बॉक्स ऑफिस का किंग साबित होगी, इसलिए पूरे भारत में फिल्म के 300 से ज्यादा शो बढ़ा दिए गए हैं.

पठान के लिए थियेटर मालिकों-एग्जीबिटर्स का लिया ये फैसला अपने आप में एतिहासिक है. ऐसा शायद ही कभी किसी फिल्म के लिए किया गया हो. पठान हिंदी सिनेमा में इतने बड़े पैमाने पर रिलीज होने वाली सबसे बड़ी फिल्म बन गई है. पठान की स्क्रीनिंग अब दुनिया भर में 8000 स्क्रीन्स पर की जाएगी. हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषा में रिलीज पठान के स्क्रीन की कुल संख्या 8000 है, जिसमें डोमेस्टिक यानी भारत में 5,500 स्क्रीन, ओवरसीज स्क्रीन काउंट 2,500 है.

ऐसा भारतीय सिनेमा के इतिहास पहली बार ही देखा जा रहा है कि किसी फिल्म के रिलीज के साथ ही उसके स्क्रीन काउंट को इस कदर बढ़ा दिया जाए. पठान को मिलता रिस्पॉस है ही शानदार कि ऐसे फैसले होना किसी अचंभे से कम नहीं है. शाहरुख के लिए लोगों की दीवानगी और भी बढ़ गई जब उन्होंने चार साल बाद पर्दे पर वापसी का ऐलान किया.

फिल्म को लेकर कई संगठनों ने कॉन्ट्रोवर्सी क्रिएट करने की कोशिश की. बेशर्म रंग गाने में दीपिका पादुकोण की पहनी भगवा बिकिनी को हटाने की मांग की गई, यहां तक कि फिल्म को रिलीज होने से रोका जाए, इसके लिए पुतले तक फूंके गए. लेकिन इन सब का पठान पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है. पठान जनता से काफी अच्छे रिव्यू मिलते दिख रहे हैं.