तौक़ीर सिद्दीक़ी
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का आज राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर शुरू हुआ. शिविर के पहले दिन कांग्रेस नेताओं को सम्बोधित करते हुए पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने पार्टी के पुनरुथान पर ज़ोर दिया और कहा कि हालात अभूतपूर्व हैं, परिस्थितियां असाधारण हैं और इनका सामना भी असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है, सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हम सबको बहुत कुछ दिया है और अब समय आ गया है क़र्ज़ उतारने का.

अंग्रेजी में पहले एड्रेस करने के बाद सोनिया गाँधी ने हिंदी में भी सम्बोधित किया। सोनिया ने कहा कि हर पार्टी को जीवित रहने और आगे बढ़ने के लिए समय समय पर परिवर्तन लाना होता है. हमें सुधारों की सख्त ज़रुरत है. मैं यह ज़ोर देकर कहना चाहती हूँ हमारा पुनरुत्थान सिर्फ विशाल सामूहिक प्रयासों से हो पायेगा और यह विशाल सामूहिक प्रयास न तो टाले जा सकते हैं और न टाले जायेंगे, यह शिविर इस लम्बे सफर में एक प्रभावशाली कदम है.

सोनिया ने कहा कि हमारे लम्बे और सुनहरे इतिहास में आज एक ऐसा समय आया है जब हमें अपनी निजी आकांक्षांओं को संगठन के हितों के अधीन रखना होगा। उन्होंने भावनात्मक अंदाज़ में कहा कि पार्टी ने हम सबको बहुत कुछ दिया और अब समय आ गया कि हम पार्टी का क़र्ज़ उतारें क्योंकि इससे ज़रूरी और कुछ नहीं। सोनिया की इस भावनात्मक अपील पर ज़ोरदार तालियां बजीं।

सोनिया चिंतन शिविर में मौजूद नेताओं से कहा कि मैं चाहती हूँ कि आप लोग खुलकर अपने विचार रखें लेकिन बाहर सन्देश पार्टी की एकता और मज़बूती का ही जाना चाहिए. सोनिया ने हाल के विधानसभा चुनावों में मिली नाकामियों पर कहा कि वह इससे बेखबर नहीं हैं और न ही इस बात से बेखबर हैं कि उन्हें परेशानियों से कैसे निकलना है, जनता को पार्टी से जो उम्मीदें हैं उनसे भी हम अनजान नहीं हैं.

सोनिया ने कहा कि हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से यह प्रण लेने के लिए हम एकत्रित हुए हैं, हम देश की राजनीति में अपनी पार्टी को उसी भूमिका में लाएंगे जो भूमिका वह पहले भी निभाती आयी है और जिस भूमिका की उम्मीद इन विकट परिस्थितियों में जनता कांग्रेस से कर रही है. सोनिया ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जब हम यहाँ से बाहर निकलेंगे तो हम एक नए विश्वास, एक नयी ऊर्जा और एक नयी प्रतिबद्धता के साथ निकलेंगे।