लखनऊ
किसानों की फसलों का सी-2 प्लस 50 फीसद फार्मूला के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी ) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे बर्बर दमन और एक किसान की हत्या के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय आवाहन पर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाया। आईपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने किसानों की मांगों को वाजिब बताते हुए केंद्र सरकार से इन सवालों को हल करने और किसानों के बर्बर दमन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

लखनऊ समेत अन्य जिलों में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार कॉर्पोरेट घरानों की एजेंट के बतौर काम कर रही है। यही वजह है कि तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी कानून बनाने का जो वायदा किया गया था उसे पूरा करने के बजाय किसानों के बर्बर दमन पर आमादा है। पंजाब, हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस द्वारा किसान शुभकरण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई और पैलेट गन व रबर बुलेट, आंसू गैस से लगातार हमले किए जा रहे हैं। किसानों पर ढाया जा रहा यह दमन लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है।

कार्यक्रम का लखीमपुर में आईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ बी. आर. गौतम, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, आगरा में राष्ट्रीय संगठन महासचिव इंजीनियर दुर्गा प्रसाद, सीतापुर में मजदूर किसान मंच के महामंत्री डॉ बृज बिहारी, उपाध्यक्ष सुनीला रावत, गया प्रसाद, प्रयागराज में युवा मंच संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह, चंदौली में अखिलेश दुबे व अजय राय, सोनभद्र में राजेंद्र प्रसाद गोंड, कृपा शंकर पनिका, मंगरु प्रसाद श्याम, मनोहर गोंड आदि ने नेतृत्व किया।