देश

नफरत फैलाने वाली पोस्टों का मामला: अंखी दास का फेसबुक से हटने का निर्णय

नयी दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की सार्वजनिक नीति मामलों की प्रमुख अंखी दास ने पद से इस्तीफा दे दिया। वह सोशल मीडिया मंच पर नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों पर रोक लगाने के मामले में कथित तौर पर पक्षपात बरतने को लेकर विवादों में थी।

इसलिए दिया इस्तीफ़ा
फेसबुक के भारत में प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने ई-मेल के जरिये बयान में कहा, ‘‘अंखी दास ने फेसबुक में अपने पद से हटने का निर्णय किया है। उन्होंने जन सेवा में अपनी रुचि के अनुसार काम करने के लिये यह कदम उठाया है। अंखी हमारे उन पुराने कर्मचारियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत में कंपनी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभायी। वह पिछले नौ साल से अधिक समय से अपनी सेवा दे रही थी।’’

नफरत फ़ैलाने वाली पोस्टों पर रोक न लगाने का आरोप
दास पर ये आरोप लगे थे कि उन्होंने भाजपा और अन्य दक्षिण पंथी संगठनों के नफरत फैलाने वाले बयानों पर रोक लगाने से जुड़े नियमों को लागू करने का कथित रूप से विरोध किया था। उन पर ये भी आरोप लगे थे कि उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों के फेसबुक ग्रुप पर कई साल तक भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में संदेश पोस्ट किये। उन्होंने मामला प्रकाश में आने के करीब ढाई महीने बाद पद से इस्तीफा दिया है।

2011 में जुड़ी थीं फेसबुक से
दास 2011 में फेसबुक से जुड़ी थी। मोहन ने कहा, ‘‘वह पिछले दो साल से मेरी टीम का हिस्सा थी। उन्हें जो भूमिका दी गयी थी, उन्होंने शानदार योगदान दिया। हम उनकी सेवा के आभारी हैं और उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं देते हैं।’’ दास ने कहा कि उन्होंने फेसबुक से इस्तीफा देने का निर्णय किया है ताकि जन सेवा में अपनी व्यक्तिगत रूचि के अनुसार काम कर सके। फेसबुकक ने उनके इस्तीफे को विवादस्पद मामले से नहीं जोड़ा है। लेकिन कहा है कि कंपनी में मंगलवार उनका आखिरी दिन था। दास को लेकर विवाद 15 अगस्त को वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ।

वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में लगा था आरोप
रिपोर्ट में उन पर आरोप लगाया गया कि अंखी दास ने भाजपा अैर अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं के नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई को बाधित किया। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के एक दिन पहले दास ने लिखा था, ‘‘हमने उनके सोशल मीडिया अभियान की हवा निकाल दी और बाकी निश्चित रूप से इतिहास है।’’

Share

हाल की खबर

रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के 15 उत्पादों का लाइसेंस रद्द

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के द्वारा योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को तगड़ा झटका…

अप्रैल 29, 2024

भारतीय संविधान और हिंदुत्व के पैरोकारों की अंतहीन बेचैनी

(आलेख : सुभाष गाताडे) लोकसभा चुनाव के प्रचार में कई भाजपा नेता संविधान बदलने के…

अप्रैल 29, 2024

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईज़ 5.0 सुधार सूचकांक में दूसरा स्थान प्राप्त

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंकों में से एक, को…

अप्रैल 29, 2024

मोदी जी की भाषा हार स्वीकार कर लेने वाली है: शाहनवाज़ आलम

फतेहपुर सीकरी, आगरा, 28 अप्रैल 2024. कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा…

अप्रैल 28, 2024

मोहसिना की कोठी क्या तनुज की राह करेगी आसान, क्या टोटका करेगा काम?

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे…

अप्रैल 28, 2024

बहराईच: मेले में लगा झूला अचानक टूटने से आधा दर्जन जख्मी

एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…

अप्रैल 26, 2024