लखनऊ. शायर मुनव्‍वर राना के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में कथित रूप से धार्मिक आधार पर समूहों में दुश्‍मनी को बढ़ावा देने के आरोप में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार मुनव्‍वर राना ने फ्रांस में एक पत्रिका में प्रकाशित कार्टून और एक व्यक्ति की हत्‍या के संदर्भ में एक न्‍यूज चैनल को साक्षात्‍कार दिया था जिसमें उनका बयान कथित रूप से विभिन्‍न समुदायों में वैमनस्‍य फैलाने और सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है।

गंभीर धाराएं
एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि रविवार को हजरतगंज कोतवाली में तैनात एक उपनिरीक्षक ने मुनव्‍वर राना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। उनके खिलाफ धारा 153-ए (धर्म और भाषा के आधार लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश), 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावना का अपमान करने के इरादे से किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्‍य), 505(1(बी) (जनता के बीच भय पैदा करने के इरादे से शरारत करना और अपराध के लिए प्रेरित करना), 505 (2) (नफरत पैदा करने वाला बयान देना) तथा सूचना प्रोद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 67 और 66 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

क्या कहा थे मुनव्वर राणा
बता दें कि मुनव्वर राणा ने आतंकी हमले को सही ठहराते हुए उसका बचाव किया था। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून बनाकर उस युवा को इतना मजबूर किया गया कि वह किसी का कत्ल कर बैठा। अगर उस छात्र की जगह मैं रहा होता तो मैं भी कत्ल कर बैठता। बात पैगंबर साहब की ही नहीं है। कोई अगर भगवान राम का विवादित कार्टून बनाता तो भी मैं यही करता।

मजहब मां की तरह
राणा का कहना है कि मजहब मां की तरह है। मजहब से लोगों की आस्थाएं जुड़ी होती हैं। इससे खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। किसी को इतना नहीं उकसाना चाहिए कि वह कत्ल करने पर आमादा हो जाए। मुसलमानों को चिढ़ाने के लिए फ्रांस में ऐसा कार्टून बनाया गया।