समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव स्वामी प्रसाद ने रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों को लेकर आपत्ति दर्ज की थी। जिसके बाद अयोध्या के महंत राजूदास ने स्वामी प्रसाद का सिर कलम करने पर इनाम की घोषणा की थी। बृहस्पतिवार को इस पूरे मामले में कोर्ट ने महंत राजूदास के खिलाफ धारा 156 (3) परिवाद के रूप में मुकदमा दर्ज किया हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या के अधिवक्ता दीपक यादव ने बताया कि स्वामी प्रसाद ने रामचरित मानस “ताड़ना” शब्द को लेकर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद महंत राजू दास ने उनका सर कलम करने वाले को इनाम की घोषणा की हैं।

इससे पहले सीएम योगी ने सदन में सवामी प्रसाद के रामचरित मानस के बयान पर अपनी राय व्यक्त की थी। उन्होंने सपा को फटकारते हुए कहा था कि, “सपा की ओर से मानस पर टिप्पणी की गई हैं। सभी अपने आप से ग्रंथों की व्याख्या कर रहे हैं। उनमें से कुछ लोगों ने रामचरित मानस को फाड़ने का काम किया हैं। समाजवादी पार्टी की तरफ से तुलसीदास के खिलाफ सपा ने अभियान चलाया हैं।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा सपा पूरे समाज को अपमानित कर रही हैं। समाज को तोड़ने का काम कर रही हैं। और तुलसीदास ने समाज जोड़ने का का काम किया था। उन्होंने विवादित चौपाई के विषय में बोलते हुए, कहा कि लोग अपने हिसाब से इसका अर्थ निकाल रहे हैं। उन्होंने चौपाई के शब्दों का अर्थ बताते हुए कहा, ” ताड़ने का अर्थ मारना नहीं, देखने से है। जबकि चौपाई में ताड़ना का अर्थ शिक्षा से है।”