टीम इंस्टेंटखबर
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि काबुल के कट्टरपंथी आंदोलन के अधिग्रहण के बाद कनाडा की तालिबान को अफगानिस्तान की सरकार के रूप में मान्यता देने की कोई योजना नहीं है।
ट्रूडो ने संवाददाताओं से कहा, “कनाडा की तालिबान को अफगानिस्तान सरकार के रूप में मान्यता देने की कोई योजना नहीं है।” “उन्होंने सत्ता संभाली है और एक विधिवत चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को बलपूर्वक बदल दिया है।”
वहीँ चेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति मिलोस ज़मैन ने कहा कि नाटो फोर्सेज अफगानिस्तान में विफल हो गयी और इसकी वैधता अब सवालों के घेरे में है, साथ ही उन्होंने गठबंधन फोर्सेज पर “पैसा बर्बाद” करने के बजाय राष्ट्रीय रक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
मिलोस ज़मैन ने कहा “इस अनुभव के बाद कई सदस्य देशों में नाटो के प्रति अविश्वास बढ़ेगा, क्योंकि वे कहेंगे – अगर आप अफगानिस्तान में विफल रहे, तो इस बात की गारंटी कहां है कि आप किसी अन्य गंभीर स्थिति में असफल नहीं होंगे?” ।
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