लखनऊ
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पूर्व विधायक ने आज प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर गंभीर सवाल उठाया है। उन्होने कहाकि योगी सरकार जानबूझकर दलित, पिछड़ों के अधिकार और आरक्षण, नौकरी से वंचित करना चाहती है। जिसका सीधा प्रमाण 69000 शिक्षक भर्ती में उजागर घोटाला है। सरकार बताये कि आरक्षण व्यवस्था को लेकर उसकी क्या मंशा है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जुलाई 2020 से 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच को लेकर आन्दोलन शुरू किया गया जिसमें रोजाना हजारों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए जो वर्ष 2020 से लेकर आज तक जारी है। 5 जनवरी 2022 को 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सूची जारी की गयी जिसमें 19000 सीटों पर आरक्षण घोटाले का आरोप था। इसके बावजूद आज तक योगी सरकार द्वारा 6800 आरक्षित वर्ग की सीटों पर दलित-पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। अभी हाल ही में 13 मार्च 2023 को हाईकोर्ट के आदेशानुसार 6800 आरक्षित वर्ग की चयन सूची रद्द कर दी गयी।

अजय कुमार लल्लू ने बताया कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री के आदेश पर राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने पूरे प्रकरण को सही पाया और मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद भी इस दिशा में योगी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जबकि 23 दिसम्बर 2021 को मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों से सीधी वार्तालाप कर न्याय देने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री ने माना था कि आरक्षण घोटाला हुआ है और इसमें अभ्यर्थियों को न्याय मिलेगा।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार दलित-पिछड़े वर्ग के नौजवानों के अधिकारों पर डाका डालने का काम कर रही है और उन्हें रोजगार से वंचित रखना चाहती है। जिसका सीधा प्रमाण 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला है। कांग्रेस पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है। दलितों-पिछड़ों के संवैधानिक हक व अधिकार के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करने के लिए कृत संकल्पित है। एक सवाल के जवाब में पूर्व अध्यक्ष जय कुमार लल्लू ने मानहानि मामले में आये फैसले पर मा0 न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए मा0 उच्च न्यायालय में अपील की बात कही। उन्होने कहा कि उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा।