तौक़ीर सिद्दीक़ी

देश में महिलाओं से नफरत करने वालों का घिनावना चेहरा एकबार फिर सामने आया है. इन असामाजिक तत्वों और नफरती चिंटुओं ने bulli bai app के ज़रिये महिलाओं को एकबार फिर अपना टारगेट बनाया। यह अलग बात है कि इन महिलाओं का सम्बन्ध मुस्लिम समाज से है.

यह बता दें कि लगभग 6 महीने पहले ऐसी ही एक कोशिश Sulli deal app के जरिया हुई थी जहाँ मुस्लिम महिलाओं की वर्चुअल नीलामी की जाती थी. Bulli Bai एप्प भी उसी का नया वर्जन है. इस एप्प को भी Github पर लांच किया गया है.

Bulli Bai app का खुलासा एक मुस्लिम महिला पत्रकार ने किया जिसके नाम और फोटो का इस्तेमाल इस घटिया एप्प पर किया गया था, महिला पत्रकार ने ट्विटर पर इस बारे में अपनी आपबीती साझा कर यह जानकारी दी थी. इन नफरती लोगों ने इस महिला पत्रकार की फोटो Bulli Bai ऐप पर शेयर कर दी जिसके बाद इस महिला पत्रकार के लिए बीमार मानसिकता के लोग घटिया कमेंट लिखने लगे.

महिला पत्रकार ने अपनी पीड़ा को शेयर करते हुए कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है. बेशक यह बिना कहे ही समझा जाना चाहिए कि sulli deals के इस नए संस्करण में सिर्फ मुझे ही निशाना नहीं बनाया गया है.”

दरअसल जब कोई Bulli Bai ऐप को खोलता है तो रैंडमली उसे मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें दिखती हैं. एक बार जब यूजर Bulli Bai खोलता है, तो यह ऐप्प आपको एक मुस्लिम महिला के चेहरा दिखाता है, फिर यूजर इसे Bulli Bai of the day के रूप में प्रदर्शित करता है. फिर शुरू होता है इस तस्वीर पर बोलियां लगाने और भद्दे भद्दे कमेंट का सिलसिला, यही नहीं, इसे हैशटैग #BulliBai के साथ दिन भर ट्रेंड किया जाता है.

sulli डील की तरह Bulli Bai ऐप पर भी उन्हीं मुस्लिम महिलांओं को टारगेट किया जाता है जो ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर दमदार मौजूदगी रखती हैं. Bulli Bai ऐप को किसने बनाया है ये जानकारी अबतक नहीं मिल पाई है. लेकिन उसका URL bullibai.github.io है जो अब डीएक्टिवेट हो गया है. हमेशा की तरह GitHub ने इस ऐप्प पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

महिला पत्रकार ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल शाखा में इसकी शिकायत दर्ज कराई. महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है और अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. हालाँकि ऐसा ही आश्वासन सुल्ली डील मामले में दर्ज दो शिकायतों पर दिया गया था, FIR हुई थी और कार्रवाई का आजतक इंतज़ार हो रहा है.

इस मामले में केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने सफाई देते हुए कहा कि गिटहब ने उन्हें एक जनवरी की सुबह को ही बताया है कि इस यूजर को ब्लॉक कर दिया गया है. पुलिस इस बारे में आगे की कार्रवाई कर रहे हैं. क्या यह कार्रवाई भी सुल्ली डील जैसी ही होगी?

सवाल यह उठता है इस तरह के नफरती एप्प को प्रोमोट करने वाले GitHub पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती, क्या app को सिर्फ ब्लॉक कर देना ही काफी है, ओपेन सोर्स प्लेटफॉर्म का क्या यह मतलब है कि किसी एक समुदाय के खिलाफ कोई कुछ भी डाल सकता है. अगर सुल्ली डील के समय ही सख्त कार्रवाई हुई होती तो बुल्ली बाई एप्प सामने नहीं आती.

इस हरकत में जो भी लोग शामिल हों उन सभी का पता लगाकर तुरंत जेल में डाल देना चाहिए. इन बीमार मानसिकता वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई बहुत ज़रूरी है क्योकि शरीर के किसी हिस्से में जब कोई ज़ख्म उभरता है तो उसका तुरंत इलाज बहुत ज़रूरी होता है वरना वो ज़ख्म शरीर के कौन कौन से हिस्सों में पहुंचेगा, कहा नहीं जा सकता और तब इलाज भी मुश्किल होगा।

अभी संभल जाइए और इस नफरत को जहर में और फैलने से बचाइए. महिलाऐं, चाहे वह किसी भी धर्म सम्प्रदाय की हों मान सम्मान का प्रतीक होती हैं, महिलाएं बहन होती हैं, बेटी होती हैं, अर्धांगनी होती है और सबसे बढ़कर मां होती हैं. अपने नफरती खेल में कम से कम इन्हें तो मत शामिल कीजिये, उनकी ज़िन्दगी को तो नर्क मत बनाइये।

अब देखना है कि सुल्ली डील की तरह Bulli Bai ऐप्प का मामला भी वादों के ठन्डे बस्ते में डाल दिया जायेगा या फिर कोई ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि आगे फिर महिलाओं के अपमान वाली कोई और डील एप्प समाज में गन्दगी न फैला सके.