मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा और विपक्ष दल कांग्रेस को चुनौती देते हुए मैदान में उतरी बहुजन समाज पार्टी ने अपनी खेमेबंदी को मजबूत करते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ चुनावी गठबंधन की घोषणा की है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार बसपा के राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम और जीजीपी के महासचिव बलबीर सिंह तोमर ने बीते शनिवार को भोपाल में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि बसपा राज्य की 230 सीटों में 178 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जीजीपी 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

उन्होंने कहा, “आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा और जीजीपी का लक्ष्य है कि मध्य प्रदेश में दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को खत्म करते हुए गठबंधन की सरकार बनाई जाए।”

दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा, “बसपा और जीजीपी का उद्देश्य है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस के तानाशाही और पूंजीवादी शासन से मध्य प्रदेश की जनता को राहत मिले और इस दोनों को मध्य प्रदेश से उखाड़कर हम गरीबों को उनका न्याय दिलाएं।”

मालूम हो कि साल 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा ने दो सीटें जीतीं थी, जिसमें से पार्टी का विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गया था।

वहीं अदर जीजीपी की बात करें तो लगभग तीन दशक पहले तत्कालीन अविभाजित मध्य प्रदेश में उसका गठन एक आदिवासी संगठन के रूप में हुआ था। जीजीपी ने साल 1998 के विधानसभा में एक सीट जीती थी।

वहीं साल 2003 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उसने तीन सीटें जीतीं, जो उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई ने दावा किया कि 1991 में गठित जीजीपी आगामी विधानसभा चुनाव में अपने अनिश्चित भविष्य की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि जीजीपी ने साल 2003 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त क्षमता दिखाई थी, लेकिन 2008 और 2013 में पार्टी कुछ खास नहीं कर सकी थी।

साल 2018 के चुनाव में जीजीपी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था लेकिन उसका प्रदर्शन कोई खास नहीं था।