अदनान
भारतीय बॉक्सर लवलीना ने जब चीनी ताइपे की नीन-चिन चेन को 4-1 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई थी, पदक तो तभी पक्का हो गया था मगर सपना तो सोना या चांदी जीतने का था जो तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने तोड़ दिया, सेमीफाइनल में एकतरफा मुकाबले में लवलीना को हार का सामना करना पड़ा.

भारत की लवलीना बोरगोहेन को विश्व चैंपियन के खिलाफ शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है. बहरहाल लवलीना बोरगोहेन भारत की केवल तीसरी बॉक्सर बनी हैं जिनके नाम ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने का कमाल दर्ज है. इसके अलावा वो ओलंपिक में बॉक्सिंग में भारत को मेडल दिलानी वाली केवल दूसरी महिला बॉक्सर हैं. लवलीना से पहले ऐसा कमाल सिर्फ मैरी कॉम ने किया था.

लवलीना सेमीफाइनल में भले ही फॉर्म में नजर नहीं आई लेकिन उन्होंने ओलंपिक में सेमीफाइनल में पहुंचकर धमाल मचा दिया है. लवलीना ने सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की नीन-चिन चेन को 4-1 से हराकर अपनी जगह बना ली थी.

ओलंपिक में भारत को बॉक्सिंग में 9 साल के बाद मेडल मिला है. आखिरी बार ओलंपिक में भारत की ओर से साल 2012 में मैरी कॉम ने लंदन ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाया था.