लखनऊ
रवीन्द्रालय चारबाग में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले के छठे दिन किताबों की खरीदारी के संग साहित्यिक और सांस्कृतिक सुबह से रात तक चला। 26 मार्च तक चलने वाले इस मेले में किताबों की खरीदारी बराबर जारी रहा।

मेले में आकर पता चलता है किताबों के जरिए आम जन मानस को देश की सांस्कृतिक साहित्यिक विरासत, स्वातंत्र्य आंदोलन और महापुरुषां के बारे में बताकर जागरूक करने बखूबी हो रहा है। इनमें भी सरकारी प्रकाशन अग्रणी हैं। हिन्दी संस्थान के स्टाल पर इस सत्र प्रकाशित नई किताबों में दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित सुशीलकुमार सिंह का नाटक वह सूरज था, डा.राधेश्याम दुबे की आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, डा.दयानिधि मिश्र की भारत की प्रमुख भाषाएंः समकालीन प्रवृत्तियां जैसी कई नई किताबें हैं। संस्थान के प्रकाशनों में घाघ और भड्डरि की कहावतें, उर्दू भाषा और साहित्य, उर्दू-हिन्दी शब्दकोष, धर्मशास्त्र का इतिहास और तारीखे फरिश्ता इत्यादि पुस्तकों की मांग सर्वाधिक है। बच्चों की किताबों में यहां प्रेमचन्द की 10 बाल कहानियों का सेट मात्र 128 रुपये में उपलब्ध है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में नेशनल बुक ट्रस्ट ने भीमराव रामजी अम्बेडकर, होमी जहांगीर भाभा, मेजर ध्यानचन्द, सुब्रहमनिया भारती, तात्या टोपे, महादेव गोविंद रानडे, नानाजी देशमुख, लोकराज के लोकनायक जैसे महानायकों पर इण्डिया 75 शृंखला में किताबें निकाली और रिप्रिण्ट की हैं। प्रकाशन विभाग के स्टाल पर चालू सत्र में प्रकाशित पुस्तकों में समुद्रगुप्त कश्यप की अनटोल्ड स्टोरीज़ आफ द फ्रीडम स्ट्रगल फ्राम नार्थईस्ट इण्डिया के साथ नेताजी अ लाइफ इन पिक्चर, स्वामी विवेकानन्द पर राजेन्द्र मोहन की युवा संन्यासी, फिल्मकार गजानन जागीरदार पर मिलिंद दामले का मोनाग्राफ प्रमुख हैं। यहां 15 साल पुराने प्रकाशनों पर 90 प्रतिशत, 2008 से 2013 तक प्रकाशित किताबों पर 60, 2014 से 2018 तक की किताबों पर 50 प्रतिशत और इसके बाद छपी पुस्तकों पर 10 परसेण्ट छूट प्रदान की जा रही है।

मेले में आज अलका प्रमोद के संयोजन में अभिव्यक्ति संस्था के स्मरांजलि कार्यक्रम में स्मृति शेष सदस्यों- स्वरूप कुमारी बख्शी, डा.शांति देव बाला, डा.शीला मिश्रा, सरोज गौरिहार, कुसुम नारायणी, माया सक्सेना, डा.मनसा पांडेय और शशि जैन के व्यक्तित्व और कृतित्व से जुड़े आत्मीय संस्मरणों की प्रस्तुति अध्यक्ष डा.उषा चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष शारदालाल, महामंत्री अलका प्रमोद, हेमलता शर्मा, रत्ना कौल, निरुपमा मेहरोत्रा व उषा अवस्थी ने की। इससे पहले युवाओं ने कार्यक्रम प्रस्तुत किये और लक्ष्य कैसे चुनें विषय पर विशेषज्ञों ने सारगर्भित जानकारी दी। राम कुटुम्ब परिवार के परिचर्चा और भजनों के साथ ही म्यूज़िक बैण्ड अनाहत के कलाकारों ने अपनी छवि बनाए के जो मैं पिय के पास गयी…, हमे जिन्दा रहने दो ऐ हुस्न वालों…कहानी सुनो जुबानी सुनो…. और तेरे नाम से जी लूं….. जैसे गीत दिलकश आवाज में पेश किये। शाम को किताबों के विमोचन के बाद अनागत साहित्य संस्थान की गोष्ठी में श्रोताओं ने कविताओं का रसपान किया।