टीम इंस्टेंटखबर
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स, 2021 के दो प्रावधानों के पालन पर रोक लगा दी है. अदालत का मानना है कि ये नियम डिजिटल न्यूज मीडिया और ऑनलाइन प्रकाशकों को नियमों द्वारा निर्धारित आचार संहिता का पालन करने के लिए बाध्य करते हैं. हाई कोर्ट ने नियम 9 (1) और 9 (3) पर यह पाया कि प्रथम दृष्टया ये प्रावधान फ्रीडम ऑफ स्पीच के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करते हैं. साथ ही ये सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2002 के मूल प्रावधानों के खिलाफ भी हैं.

चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने एक डिजिटल न्यूज पोर्टल और मुंबई स्थित पत्रकार द्वारा दायर याचिकाओं में अंतरिम आदेश पारित किया. चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा, “जहां तक ​​नियम 9 का संबंध है, हमने इसे प्रथम दृष्टया अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत याचिकाकर्ताओं के अधिकारों का अतिक्रमण पाया है. हमने यह भी माना है कि यह मूल कानून से परे है, इसलिए हमने खंड (क्लॉजेज) 9(1) और 9(3) पर रोक लगा दी है. हालांकि, नियम पूरी तरह से नहीं रुका है.”

नियम 9 में तीन खंड हैं जबकि खंड 1 और 3 पर रोक लगा दी गई है. वहीं, खंड 2 लागू रहेगा. खंड 2 किसी अन्य लागू कानून का उल्लंघन करने के लिए प्रकाशक के दायित्व से संबंधित है. कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाने के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह के अनुरोध को खारिज कर दिया.

वहीं, बेंच ने नियम 7, 14 और 16 पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. नियम 14 के संबंध में बेंच ने कहा कि उक्त प्रावधान पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत नहीं है. चीफ जस्टिस ने कहा, ”हम देख सकते हैं कि जहां तक नियम-14 का संबंध है, तत्काल कोई रोक की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि समिति का गठन नहीं किया गया है. हम याचिकाकर्ताओं से आग्रह करते हैं कि जब भी इसे स्थापित किया जाए तब कोर्ट के पास आएं.”