समदर्शी थे आंबेडकर व लोहिया: दीपक
लखनऊ:
बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने आंबेडकर व लोहिया के साहित्य का वितरण किया । इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को करते हुए श्री यादव ने कहा कि बाबा साहब बहुत बड़े अर्थशास्त्री व राज्य समाजवाद के प्रबल पैरोकार थे । आंबेडकर अंधाधुंध निजीकरण को आर्थिक विषमता बढ़ने का कारण मानते थे और इसीलिए वे समाजवाद को स्थापित करने को राज्य का लोककर्तव्य मानते थे । शिवपाल ने कहा भाजपा की आर्थिक नीतियां बाबा साहब के सिद्धांतों के खिलाफ हैं, इसी कारण आर्थिक विषमता बढ़ रही है। बाबा साहब के समाजवाद की कसौटी पर भाजपा की डबल इंजन सरकार पूर्णतया विफल हैं । लोहिया दुनिया में आंबेडकर को भारतीय मेधा का प्रतिनिधि मानते थे ।

समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने कहा कि लोहिया और बाबा साहब के पत्राचार से पता चलता है कि बाबा साहब व लोहिया में काफी वैचारिक व सैद्धांतिक समानताएँ थीं, जिसके कारण दोनों एक मंच पर आना चाहते थे, किंतु बाबा साहब के महाप्रयाण के कारण सहमति के बावजूद दोनों महापुरुष एक साथ नहीं आ सके । आम्बेडकर जातिवाद के खिलाफ थे । आम्बेडकर के नाम पर जो लोग जातिवाद का विष समाज में घोल रहे हैं , उन्हें बाबा साहब का जीवन दर्शन पढ़ना चाहिए । आंबेडकर ने अपने अखबार समता का संपादक कुलीन सवर्ण देवराज विष्णु नाइक को बनाया था और महाड सत्याग्रह में बाबूराव जोशी को बड़ी भूमिका दी थी । आंबेडकर की पुस्तक जातिवाद का उन्मूलन जातिप्रथा के विरुद्ध बिगुल है । संगोष्ठी को सपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री संगीता यादव, प्रोफेसर दीपक राय, अजय त्रिपाठी, अवनीश तिवारी, देवेंद्र सिंह, राजीव गुप्ता समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया । अंत में शिवपाल ने विद्यार्थियों को लोहिया आंबेडकर साहित्य प्रदान कर पढ़ने व देश -राष्ट्र व समाजहित में संघर्ष करने की प्रेरणा दी ।