लखनऊ
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने कहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों का भाजपा के खिलाफ आक्रोश मतों में परिवर्तित न हो, इसके लिए वह दलितों को मतदान करने से रोक रही है।
पार्टी ने पहले चरण के मतदान के दौरान मेरठ के सरधना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी संगीत सोम के लोगों द्वारा सलावा गांव के पोलिंग बूथ पर वोट डालने गए दलित मतदाताओं के आधार कार्ड व पर्ची छीन लेने, उनपर हिंसक हमला करने और मतदान किये बिना उन्हें भगा देने की घटना पर चिंता प्रकट करते हुए चुनाव आयोग से दखल देने की अपील की है। साथ ही, दलित और कमजोर वर्ग के मतदाताओं को वोट डालने से दबंग हरगिज न रोकें – इसे सुनिश्चित करने की मांग की है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा अपनी हार की आशंका से हर तरह के हथकंडे अपना रही है। ध्रुवीकरण करने से लेकर बूथ कब्जा तक पर उतर आई है। मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी सोम ने जिस तरह पोलिंग बूथ के अंदर गुंडागर्दी की, कानून हाथ में लिया, पीठासीन अधिकारी को थप्पड़ मारे और प्रत्याशी के गुंडों ने दलितों को वोट नहीं डालने दिया, उससे स्वतंत्र, निष्पक्ष व भयरहित मतदान पर ग्रहण लग गया है।
कामरेड सुधाकर ने कहा कि इस मामले में सोम को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और संबंधित बूथ पर पुनर्मतदान कराया जाए। यह तो पहले चरण की झांकी है, आगे अभी पूरा चुनाव पड़ा है। निर्वाचन आयोग को यूपी में सत्तारूढ़ दल की गुंडागर्दी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
माले राज्य सचिव ने कहा कि उन्नाव कांड-2 सामने आया है, जिसमें एक दलित युवती की दो माह पूर्व हत्या कर हत्यारों ने लाश सेप्टिक टैंक में दफना दी और मृतका की मां दबंग आरोपी व पूर्व मंत्री के पुत्र की गिरफ्तारी के लिए थाने का चक्कर लगा-लगा कर थक गई, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने की जगह मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
कामरेड सुधाकर ने कहा कि योगी की सरकार में दलित महिलाओं की हत्या करने की छूट है। हाथरस, बुलंदशहर और उन्नाव की ताजा घटना तो महज बानगी हैं। उन्होंने कहा कि पीड़िताओं के परिजनों को राजधानी में मुख्यमंत्री की डेहरी पर बिना आत्मदाह की कोशिश किये योगी की पुलिस नहीं सुनती। उन्नाव कांड-एक, जिसमें भाजपा के दबंग विधायक सेंगर ने नाबालिग से बलात्कार किया था, में भी कार्रवाई के लिए पीड़ित परिवार को आत्मदाह का सहारा लेना पड़ा था। उन्नाव कांड-दो में भी पुलिस तभी हरकत में आई, जब लखनऊ में मृतका की मां ने गुजरे 24 जनवरी को ऐसी ही कोशिश की।
माले नेता ने दलित महिला के हत्यारों को कड़ी सजा, शिथिलता बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि दलितों और महिलाओं की सुरक्षा के लिये योगी सरकार को अलविदा कहने का मौका आ गया है।
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