लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसमांदा मुसलमानों पर दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी को कम से कम प्रधानमंत्री मोदी की बात गंभीरता से सुननी चाहिए और पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण का विरोध करना बंद कर देना चाहिए.

बसपा प्रमुख मायावती ने इस संबंध में शुक्रवार को ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में बीजेपी के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में रहने वाले 80 फीसदी मुसलमान ‘पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं.’ यह कड़वी जमीनी हकीकत की स्वीकृति है, जो उन मुसलमानों के जीवन की बेहतरी के लिए आरक्षण की आवश्यकता का समर्थन करती है।

इस संबंध में ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, बसपा प्रमुख ने कहा, “इसलिए, अब भाजपा को पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण का विरोध करना बंद कर देना चाहिए और साथ ही भाजपा की राज्य सरकारों को ईमानदारी से आरक्षण लागू करना चाहिए और बैकलॉग की भर्ती पूरी करनी चाहिए।” उन्हें साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में दूसरी पार्टियों से अलग हैं.

मालूम हो कि 27 जून को मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बीजेपी के तीन बुनियादी मुद्दों में से एक समान नागरिक संहिता को देश में लागू करने की पुरजोर वकालत की थी. अपने भाषण में पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि बीजेपी ने तय कर लिया है कि वह तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के रास्ते पर नहीं चलेगी. इसके साथ ही पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है.