नई दिल्ली: राजस्थान नगर निकायों के चेयरपर्सन के चुनावों के नतीजे आ चुके हैं। इन चुनावों में कांग्रेस ने एकतरफा क्लीन स्वीप किया है जबकि भाजपा को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। राजस्थान में 12 जिलों के 50 नगरीय निकायों के चुनाव परिणाम के बाद आज सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने 36 निकायों में अपना बोर्ड बनाने में सफल रही वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 12 निकायों में अपना चेयरमेन बनाने में सफल रही।

दो निकायो में निर्दलीय की जीत
राज्य में दो निकायो धौलपुर नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी खुशबूसिंह एवं जयपुर जिले के बगरू नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी मालुराम मीणा चेयरमेन बनने में सफल रहे।

निकाय बोर्ड में कांग्रेस का परचम
निकाय बोर्ड के आज हुये चुनाव परिणामों के अनुसार इन 12 जिलों में से छह में कांग्रेस पूरी तरह अपना परचम लहराने में कामयाब रही है। सिर्फ दो जगह निर्दलीयों को एक-एक सीट हासिल हुई। वहीं, अलवर के छह अध्यक्षों में भाजपा के चार और कांग्रेस के दो बोर्ड रहे। श्रीगंगानगर में भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही चार-चार अध्यक्ष चुने गए। वहीं, जोधपुर, कोटा और सवाई माधोपुर में कांग्रेस और भाजपा को एक-एक अध्यक्ष मिला।

हार से तिलमिलाई भाजपा कांग्रेस पर बरसी
हार के बाद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कांग्रेस पर कई आरोप लगाए हैं। डा पूनियां ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस की गहलोत सरकार ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया, लोगों को मुकदमों की धमकी और पुलिस प्रशासन के माध्यम से डराया-धमकाया गया, निर्दलीयों के भरोसे कांग्रेस अपनी इज्जत बचाने में बेशक कामयाब हुई है। उन्होंने कहा कि इन 50 निकायों में हुए चुनावों में 14 लाख मतदाताओं में से कांग्रेस को सिर्फ 2888 वोट अधिक मिले हैं, जबकि पंचायतीराज चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से एक लाख 49 हजार से अधिक वोट मिले।