लखनऊ:
प्रयागराज में हुए उमेश पाल की हत्या के मामले में भाजपा नेता राहिल हसन के भाई गुलाम का नाम भी जुड़ रहा है। इस हत्याकांड में राहील का नाम आने पर गुलाम हसन को पार्टी से निकाल दिया गया है। राहिल हसन भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा का महानगर अध्यक्ष है। हालांकि पुलिस छानबीन के बाद ही इस केस से जुड़े खुलासे होंगे।

उमेश पाल पर शुक्रवार को उनके आवास के सामने सात हमलावरों ने गोलियों और देशी बमों से हमला किया था। पुलिस ने कहा कि गंभीर रूप से घायल उमेश पाल को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस हमले में पाल का एक गनर भी मारा गया है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पाल को सात गोलियां लगी थीं और उसके शरीर पर चोट के 13 निशान थे। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सभी गोलियां पिस्टल से चलाई गई थीं। उमेश 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था। हत्या का मुख्य आरोपी माफिया से नेता बना अतीक अहमद है, जो वर्तमान में गुजरात की जेल में बंद है।

इस मामले की छानबीन के लिए प्रयागराज की पुलिस ने 10 टीमों का गठन किया है। संदिग्धों के ठिकानों पर लगातार दबिश जारी है। दिन दहाड़े गोलीबारी और बमबाजी के सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों की शिनाख्त में भी पुलिस लगी हुई है।