पटना: बिहार में सत्ता में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ने JDU ने फिर झटका दिया है. इस बार बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड के छह विधायकों को गुरुवार को पार्टी में शामिल करा लिया. वहां, नीतीश कुमार की पार्टी के सात विधायक जीतकर आए थे जो सरकार का समर्थन कर रहे थे.

JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले लगा झटका
यह खबर ऐसे मौके पर आई है, जब शनिवार से पटना में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली हैं. जहां इन विधायकों का शामिल होना तय माना जा रहा था. उनके रहने का इंतजाम भी किया गया था. लेकिन बीजेपी ने ऐन मौके पर विधायकों को तोड़ कर खुद में शामिल कर लिया.

सहयोगी और विरोधी में फ़र्क़ नहीं
इस कदम के साथ ही बीजेपी ने नीतीश कुमार को यह संदेश दिया है कि जब दूसरे पार्टी के विधायकों से अपनी सरकार और पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़ानी हो तो वो सहयोगी और विरोधी का फर्क नहीं करती.

JDU से कोई प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि, जनता दल यूनाइटेड से अब तक औपचारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह कदम बीजेपी के साथ संबंधों में खटास ही लेकर आएगा. इसे किसी भी तरह से शुभ संकेत नहीं माना जा सकता. इससे पूर्व नागालैंड में भी पार्टी के एक मात्र विधायक को तोड़कर वहां के मुख्य मंत्री ने अपने पार्टी में शामिल कराया था.

बिहार की राजनीति पर पड़ सकता है असर
बीजेपी और जेडीयू के संबंधों के समीकरणों में बिहार चुनावों के बाद बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. नवंबर में हुए बिहार चुनावों में बीजेपी की जेडीयू से ज्यादा सीटें आई थीं. बीजेपी ने पहले ही वादा किया था कि सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे और नीतीश कुमार बने लेकिन अब इस पार्टनरशिप में बीजेपी का दबदबा बढ़ गया है. ऐसे में देखना है कि क्या अरुणाचल में बीजेपी के इस कदम से नीतीश कुमार और बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है.