बिटक्वॉइन की कीमत मंगलवार की शाम गिरकर पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. इसे चीन में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई किए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है. रिपोर्ट फाइल करते समय सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी गिरकर 29,511 डॉलर पर पहुंच गई थी. 22 जनवरी के बाद इसकी कीमत पहली बार 29,773 डॉलर से नीचे आई है. यह डेटा CoinMarketCap से मिला है. Unocoin के को-फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को बताया कि चीन क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग और माइनिंग के लिए बड़ा बाजार रहा है. उन्होंने कहा कि चीन में नए सख्त नियमों की वजह से इसे झटका लगा है, इसलिए इसका असर दुनिया भर के बाजार पर पड़ रहा है. चीन के नियम पहले भी हमेशा से अलग और उलझा देने वाले थे.

बिटक्वॉइन एक वर्चुअल करेंसी है, जिसे कई देशों में डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसे डॉलर और अन्य मुद्राओं में एक्सचेंज भी किया जा सकता है. बिटक्वॉइन का प्रचलन सबसे पहले साल 2009 में हुआ था. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटक्वॉइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. बड़े पैमाने पर लेनदेन किए जाने की वजह से ही बिटक्वॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन चुकी है. लेकिन इसकी स्थिरता और सही वैल्यू को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. कई जानकार चेतावनी देते रहे हैं कि बिटक्वॉइन का बेतहाशा बढ़ा हुआ दाम एक बबल या गुब्बारा है, जो कभी भी फूट सकता है.