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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएसएफएल) को अपराध स्थल से साक्ष्य के नमूने एकत्र करने और चश्मदीदों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा।
बता दें कि बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में तृणमूल कांग्रेस के उप पंचायत प्रमुख की हत्या के कुछ ही देर बाद रामपुरहाट में हिंसा भड़क उठी। इसमें लोगों के घरों में आग लगा दी गई। घटना में 10 लोगों की जान चली गई।
प्रधान न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए और जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि जिला न्यायाधीश पूर्व बर्धमान की उपस्थिति में अपराध स्थल पर सीसीटीवी लगाए जाएं और अगले आदेश तक रिकॉर्डिंग की जाए।
न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की पीठ ने दिल्ली में सीएफएसएल की एक टीम को मौके का दौरा करने और बिना किसी देरी के जांच के लिए नमूने एकत्र करने का निर्देश दिया।कोर्ट द्वारा पुलिस महानिदेशक को जिला न्यायाधीश पुरबा बर्धमान के परामर्श से आगजनी में घायल एक नाबालिग लड़के सहित गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।
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