टीम इंस्टेंटखबर
लखनऊ के वजीरगंज में पैदा हुए लखनऊ के थिएटर कलाकार हबीब आज़मी का निधन मुंबई के कूपर अस्पताल मे 24-01-2022 को हो गया है, जिनकी तदफीन 25-01-2022 को वरसोवा कब्रिस्तान मे हुई

हबीब आज़मी ने अपने थिएटर के सफर में नाटक कागज के फूल 1978 से शुरू किया इसके बाद लखनऊ के वरिष्ठ कलाकार, थिएटर निर्देशक अपने ग्रुप रहमान खान के संपर्क में आए, उनके द्वारा निर्देशित निर्देशित नाटक क्या 11 मार्च 1979 को रविंद्रालय में और कैसा है संसार 15 नवंबर 1979 को रविंद्रालय में किया गया इसके बाद अभी बाकी है हबीब आज़मी ने अपने गुरु रहमान खान से मशवरा करके मुंबई की तरफ 1980 में रुख किया वहां काफी मशक्कत करने के बाद अपना खर्च चलाने के लिए मशहूर आर्टिस्टो को उर्दू पढ़ाया करते थे जिसमें डिंपल कपाड़िया काफी मशहूर है कुछ दिनों (लगभग साढ़े चार साल के बाद) के बाद मुजफ्फर अली की फिल्म अंजुमन में काम किया और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा

थिएटर प्ले के बारे में
कागज के फूल,
क्या अच्छा क्या बुरा,
कैसा है संसार,

फ़िल्मों के बारे में
सलाम बॉम्बे 1988
शूद्र द राइजिंग 2012
आईडी 2012
जल 2013
टीटटू 2014
डेढ इश्किया 2014
लेस काऊबॉयज 2015
फैंटम 2015
बजरंगी भाईजान 2015
फ्रीकी अली 2016
फ्राइडे 2018
कारवा 2018
अम्बू 2019
बाला 2019
ड्रीम गर्ल 2019
83 2022
बगावत (एडिटिंग टेबल पर)
साथियों के कलम से

हबीब आज़मी साहब एक बेहतरीन कलाकार के साथ-साथ बहुत ही जिंदादिल और नेक इंसान थे… उनकी सादगी उनके व्यक्तित्व को और खूबसूरत बना देती है… जल, बजरंगी भाईजान, और अभी हाल ही मे रिलीज़ हुई 83 मे उन्होंने शानदार अभिनय किया, शूद्र द रायजिंग… और बगावत मे निभाये गये उनके किरदार मे उन्होंने अपनी छाप छोड़ दी… अफ़सोस है मुझे कि बगावत फ़िल्म मे उनपर फिल्माये गये “माटी” गीत के दर्शकों के बीच आने से पहले ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया… पर मुझे पूरा यकीन है… इस गीत के आ जाने के बाद, लोग उन्हें बहुत याद करेंगे!! लव यु हबीब जी, आप जीवन भर संघर्षित रहे, चलते रहे… और चलते-चलते ही चले गये!! आप हमारी यादों मे हमेशा ज़िंदा रहेंगे!!
नूर मनी, फिल्म निर्देशक, मुंबई

1979 में हबीब आज़मी ने मेरे निर्देशन में दो प्ले की है पहला प्ले क्या अच्छा क्या बुरा 11 मार्च 1979 में और दूसरा प्ले कैसा है संसार 15 नवंबर 1979 में रविंद्रालय लखनऊ में किया कैसा है संसार एक बार रिपीट किया था उसके बाद मुझसे मशवरा करके मुंबई की तरफ रवाना हो गए रवाना होने से पहले मुझसे वादा किया था अब तभी लौटूंगा फिल्म के शूट पर ही लौटूंगा अपने वादे के मुताबिक साडे 4 साल के बाद मेरे ऑफिस आज़ाद थिएटर लखनऊ अमीनाबाद में आए और मुलाकात की मालूम यह हुआ कि मशहूर फिल्म निर्देशक मुज़फ़्फ़र अली के साथ फिल्म अंजुमन की शूटिंग करने आए हैं बहुत अफसोस है की हबीब आज़मी ने इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया
रहमान खान, वरिष्ठ कलाकार, थिएटर निर्देशक, लखनऊ

हबीब आज़मी साहब से मेरी 2 बार मुलाक़ात हुई एक बार आज़ाद थिएटर लखनऊ और एक बार स्कॉर्पियो क्लब में फ़िल्म बग़ावत के सेट पर हुई थी बग़ावत फ़िल्म मे उस पर फ़िल्माए माटी गीत के समय मैं साथ मे ही रहा था खबर सुनते ही मेरे दिल, थिएटर व फिल्म जगत को धक्का लगा है यह खबर वास्तव में बहुत चौंकाने वाली थी हबीब आज़मी जैसे जिंदादिल इंसान बहुत कम मिले आपके जाने का बहुत दुख है ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे
मोहम्मद फु़जै़ल, अभिनेता व थिएटर निर्देशक, लखनऊ

बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि, #हबीब आज़मी साहब, अब हमारे बीच नहीं रहें…आज मुंबई के कूपर अस्पताल मे उनका इन्तेकाल हुआ! अपनी जिंदादिली और लगन के लिए वो हमेशा याद आएंगे…!! बहुत ही प्यारे इंसान का इस तरह चले जाना दुख पहुँचाता है… अल्लाह आपको प्यार दें!!
फरीद खान,अभिनेता, मुंबई