नई दिल्ली: किसानों के समर्थन में भारत बंद को संपूर्ण विपक्ष का समर्थन मिला। शुक्रवार को हुए बंद में देश के कई राज्यों में पूरा बंद रहा, वहीं बीजेपी शासित कर्नाटक और गुजरात में सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया और किसानों के चार महीने से जारी आंदोलन को कुचलने की कोशिश की।

प्रेस कांफ्रेंस से नेता को गुजरात पुलिस ने उठाया
इस बंद का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा ने किया था। संयुक्त किसान मोर्चा किसान यूनियन का संगठन है। मोर्चा महासचिव युद्धवीर सिंह को अहमदाबाद में पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वे एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित कर रहे थे। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि युद्धवीर सिंह को गुजरात पुलिस के जवानों ने घेरा हुआ है।

कर्नाटक में गिरफ्तार
इसी तरह कर्नाटक में भी राजधानी बेंग्लुरु में किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया। इन लोगों को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वे टाउन हॉल के नजदीक प्रदर्शन कर रहे थे। जिन नेताओं को हिरासत में लिया गया उनमें संयुक्त किसान मोर्चा की कविता कुरुगांति भी शामिल हैं।

मोर्चे ने की निंदा
किसान मोर्चा के संयोजक डॉ दर्शन पाल ने नेताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए विरोध की आवाजों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह नागरिकों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के संबंध में रेखांकित किया है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के युद्धवीर सिंह और संयुक्त किसान मोर्चा के एक अन्य मुख्य सदस्य को भावनगर में गिरफ्तार किया गया। कविता कुरुगांति, कोडिहाली चंद्रशेखर, बाया रेड्डी और अन्य ट्रेड यूनियन नेताओं को बेंग्लुरु में गिरफ्तार किया गया।

गुलबर्ग में कई नेता गिरफ्तार
इसके अलावा कर्नाटक पुलिस ने गुलबर्ग में भी कई नेताओं को गिरफ्तार किया है।” उन्होंने कहा कि बेंग्लुरु के टाउन हॉल इलाके में महिला पुलिस कर्मियों को सादी वर्दी में तैनात किया गया जिन्हें कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्य दुस्साहसी तरीके से किसान आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं इससे उनकी हताशा जाहिर होती है।

चार शताब्दी ट्रेने रद्द
गौरतलब है कि पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और देश के अन्य राज्यों में हजारों की संख्या में किसानों ने कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और भारत बंद में शामिल हुए। किसान आंदोलन के चलते चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द भी किया गया।