देहरादून: उत्तर प्रदेश के डासना इलाके के बाद मंदिरों अब गैर हिंदुओं के प्रवेश वर्जित वाले बैनर उत्तराखंड के मंदिरों में भी लगाए जा रहे हैं। ये बैनर हिंदू युवा वाहिनी की ओर से लगाए गए हैं। बैनर में इस बात का जिक्र किया गया है कि मंदिर हिंदुओं का तीर्थस्थल है, इसमें गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है।

देहरादून के डोईवाला, सेलाकुई, प्रेमनगर सहित अन्य इलाकों में करीब पचास मंदिरों में ये बैनर लगाए गए। जिसमें मन्दिरों के बाहर फलैक्स बोर्ड लगाकर सूचना लिखी गई है। यह मन्दिर हिन्दू समाज का पवित्र स्थल है इसमें गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है।

दरअसल यह कदम गाजियाबाद के डासना स्थित डासना देवी मंदिर में मुस्लिम समुदाय के एक किशोर को पानी पीने के लिए प्रताड़ित किए जाने के बाद सामने आया है। इस मंदिर में बोर्ड लगा है जिस पर लिखा है कि अंदर मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। यह बोर्ड मंदिर के मुख्य पुजारी महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के निर्देश पर लगाया गया है।

हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश महासचिव जीतू रंधावा से जब बैनरों के बारे में पूछा गया तब उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम यति नरसिंहानंद सरस्वती का समर्थन करने के लिए उठाया गया है।

किशोर पर हमले का मामला सामने आने के बाद धौलाना से बसपा विधायक असलम चौधरी ने दावा किया कि मंदिर उनके पुरखों की विरासत है। उन्होंने कहा कि वे मंदिर में गैर-हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करने वाला पोस्टर हटा देंगे।

रंधावा ने कहा कि असलम की धमकी की प्रतिक्रिया में अब हम उत्तराखंड के हर मंदिर के बाहर ऐसे पोस्टर लगाएंगे। रंधावा ने कहा, ‘मंदिर सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए पूजनीय स्थान है, इसलिए केवल इसी धर्म से जुड़े लोगों को अंदर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।’

वहीँ कोतवाली पुलिस के अनुसार देहरादून के घण्टा घर में मंदिर के बाहर एक बैनर लगाया गया था जिसमें कहा गया था कि ‘यहाँ गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है’। मंदिर के अधिकारियों ने इसके बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया। बैनर हटा दिया गया है, साथ ही जिसका मोबाइल नम्बर बैनर पर था उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैनर में जिस व्यक्ति का मोबाइल नम्बर है उसका नाम जीतू रंधावा बताया जा रहा है। जीतू रंधावा हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश महासचिव हैं।