दिल्ली:
आजम खान की सदस्यता रद्द होने का मामले में आज शीर्ष न्यायालय ने चुनाव आयोग से पूछा है कि क्या चुनाव आयोग इंतजार नहीं कर सकता. साथ ही सुझाव दिया कि आजम खान को एक मौका मिलना चाहिए. शीर्ष अदालत में आज आजम खान की ओर से उनकी दलील पी चिदंबरम ने रखा. पी चिदंबरम ने कहा कि 27 अक्टूबर को आजम को सजा हुई. उसके अगले दिन उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. आजम मामले में सरकार ने तेजी से कदम उठाया. हमें अपील करने का समय भी नहीं दिया गया. हमें अपील करने का समय मिलना चाहिए.

इस मामले में सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट में कहा कि क्या चुनाव आयोग इंतजार नहीं कर सकता. साथ ही सुझाव दिया कि आजम खान को एक मौका मिलना चाहिए. क्या चुनाव आयोग हर एक केस में ऐसा ही करेगा. अब इस मामले में चुनाव आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा. चीफ जस्टिस ने कहा कि चुनाव आयोग आश्वस्त करें कि गजट नोटिफिकेशन 72 घंटे तक न जारी हो. इससे इस बीच हाईकोर्ट का रूख किया जा सकता है.

गौरतलब है कि MP-MLA कोर्ट ने उन्हें हेट स्पीच मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी. आजम खान पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था. 2019 में चुनाव के दौरान आजम खान के भड़काऊ भाषण के कारण उन पर केस दर्ज किया गया था। जिसकी सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को MP-MLA कोर्ट में उन्हें दोषी करार दिया गया. 2019 में उन्होंने पीएम मोदी, सीएम योगी व तत्कालीन डीएम के खिलाफ अपशब्द कहे थे.